लखीमपुर खीरी में बाघ के हमले से किसान की मौत

लखीमपुर खीरी: आतंक का पर्याय बन चुका बाघ 12 दिन बाद फिर ग्रामीण को खींच ले गया। वन विभाग की टीमें लाठी डंडों के सहारे कॉम्बिंग करती रह गईं। वन विभाग की लापरवाही की वजह से आए दिन ग्रामीण अपनी जान गवां रहे हैं। हैदराबाद थाना क्षेत्र के इमलिया गांव के पास खेत पर गए किसान को बाघ खींचकर ले गया। गन्ने के खेत के पास उसका अधखाया शव बरामद हुआ है। पास में उसका मोबाइल पड़ा था।

हैदराबाद थाना क्षेत्र के गांव मूड़ा अस्सी निवासी जाकिर, पुत्र शाकिर बुधवार को घर से खेत पर गया था। जहां पहले से घात लगाए बैठा बाघ उसे गन्‍ने में खींच ले गया और उसे अपना निवाला बना लिया। घटना की सूचना पुलिस और वन विभाग को दी गई। वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जा रहा है। गांव वालों को खेतों की तरफ ना जाने की सलाह दी जा रही है।

12 दिन पहले भी ग्रामीण को बन चुका है निवाला

आदमखोर बाघ ने 12 दिन पहले इमलिया गांव के किसान अमरीश को निवाला बना लिया था। इसके पहले भी यह कई लोगों को मौत के घाट उतार चुका है। बाघ बराबर क्षेत्र में खुलेआम घूम रहा था और वन विभाग की टीम में लाठी डंडे के सहारे कांबिंग कर रही थी। उनके पास मुकम्मल संसाधन नहीं हैं। वन विभाग के अधिकारी कॉम्बिंग के दौरान न तो वर्दी का इस्तेमाल करते हैं न ही जूते पहनते हैं।

5 किलोमीटर के दायरे में घूम रहा है बाघ

इमलिया के किसान अमरीश पर हमला करने के बाद बाघ गांव के आसपास 5 किलोमीटर के दायरे में ही घूम रहा था। बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने 24 कैमरे और छह पिंजरे लगाए हुए थे जिसमें बाघ की तस्वीर तो कैद हो रही थी लेकिन वह पिंजरे में नहीं आ रहा है।

ग्रामीणों में आक्रोश, वन विभाग पर फूटा गुस्सा

आए दिन बाघ के हमले से हो रही मौतों को लेकर अब ग्रामीण अक्रोशित हो उठे हैं। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दी है कि अगर यह बाघ नहीं पकड़ा जाता है, तो हम लोग अब मुख्यमंत्री आवास पर जाकर धरना देंगे।

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