सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि वर्तमान सरकार मजदूरों और किसानों के अधिकारों का उल्लंघन कर रही है। मजदूरों को न तो कोई सुविधा मिल रही है और न ही सुरक्षा। किसान उत्पीड़न का शिकार हैं, लेकिन मजदूरों के साथ तो इससे भी ज्यादा उत्पीड़न हो रहा है। जो सम्मान और सुविधाएं उन्हें मिलनी चाहिए, सरकार उसे प्रदान नहीं कर रही है। उनका मानना है कि बिना मजदूरों के स्वाभिमान और सम्मान के, अर्थव्यवस्था नहीं बढ़ सकती।
अखिलेश यादव ने सरकार से किसानों की जमीन के मुआवजे को मार्केट वैल्यू के अनुसार देने की मांग की। उनका कहना था कि किसानों से दबाव डालकर हस्ताक्षर कराए जाते हैं, जिससे उनके पास कोई अधिकार नहीं बचता। मुआवजा हमेशा बाजार मूल्य के हिसाब से मिलना चाहिए, क्योंकि सरकार ने ही इन किसानों को विस्थापित किया है और उनकी जमीन ली जा रही है।
मजदूरों के अधिकारों के लिए एक पॉलिटिकल कैलेंडर बनाया गया है, और आने वाले दिनों में मजदूरों की समस्याएं समाजवादी पार्टी तक पहुंचाई जाएंगी। अखिलेश यादव ने झांसी मामले का भी उल्लेख किया, जहां जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया था, लेकिन उनका तबादला हो गया। अब डेलिगेशन भेजकर जिलाधिकारी से फिर से बात की जाएगी। सपा की मांग है कि किसानों से जमीन मार्केट वैल्यू पर ली जाए।
अखिलेश ने कहा कि अयोध्या में भाजपा की हार का मतलब है सांप्रदायिक राजनीति का अंत। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम ने अयोध्या की धरती पर भाजपा को हराकर यह संदेश दिया कि अब सांप्रदायिक राजनीति का दौर समाप्त होगा।
अखिलेश ने बुंदेलखंड में मिसाइल निर्माण की बात करते हुए कहा कि यदि सपा की सरकार होती तो आज बुंदेलखंड में मिसाइल बन रही होती, और हमें रूस से मिसाइल नहीं मंगानी पड़ती। सपा सरकार में हम बाजार दर पर किसानों को मुआवजा देंगे।