शारदा यूनिवर्सिटी सुसाइड केस: छात्रा ने सुसाइड नोट में लगाए प्रोफेसरों पर गंभीर आरोप

ग्रेटर नोएडा। शारदा यूनिवर्सिटी की डेंटल स्टूडेंट ज्योति शर्मा ने शुक्रवार को हॉस्टल में आत्महत्या कर ली। परिजनों का कहना है कि छात्रा अपने प्रोजेक्ट पर प्रोफेसरों द्वारा हस्ताक्षर न किए जाने से मानसिक रूप से बेहद परेशान थी। अगस्त में होने वाली परीक्षा से पहले प्रोजेक्ट जमा करना आवश्यक था।

छात्रा की मां सुनीता ने बताया कि ज्योति ने डेंचर (बत्तीसी) विषय पर एक मेडिकल प्रोजेक्ट तैयार किया था, जिसे मूल्यांकन के लिए विभागीय प्रोफेसरों से प्रमाणित कराना था। शुक्रवार को वह फाइल पर हस्ताक्षर के लिए गई थी, लेकिन आरोप है कि शिक्षकों ने हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया और फाइल भी फेंक दी गई। साथ ही, एक प्रोफेसर द्वारा अभद्र व्यवहार किए जाने की बात भी सामने आई है।

रोजाना करती थी कई बार कॉल, उस दिन रहा असामान्य व्यवहार

परिजनों के अनुसार, ज्योति आमतौर पर दिन में कई बार माता-पिता से फोन पर बात करती थी। लेकिन घटना वाले दिन उसने सिर्फ एक बार पिता से संपर्क किया। जब शाम पांच बजे मां ने फोन किया तो कॉल रिसीव नहीं हुआ। बाद में हॉस्टल से आत्महत्या की सूचना मिली।

सुसाइड नोट में शिक्षकों पर लगाए प्रताड़ना के आरोप

पुलिस को मिले सुसाइड नोट में ज्योति ने दो शिक्षकों — महिंदर सर और शैरी मैम — को अपनी आत्महत्या का जिम्मेदार ठहराया है। नोट में लिखा गया है, “उन्होंने मुझे लगातार मानसिक रूप से परेशान किया… मैं अब और नहीं सह सकती।” छात्रा ने इन शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग भी अपने नोट में की है।

भाई का दावा – फेल करने की धमकी दी गई थी

छात्रा के भाई अक्षय ने बताया कि एक प्रोफेसर ने उनके पिता को फोन कर आरोप लगाया था कि ज्योति ने फाइलों पर जाली हस्ताक्षर किए हैं। इसके बाद पिता ने विवि प्रशासन से मुलाकात भी की थी। अक्षय ने कहा कि बहन को कथित तौर पर ‘फेल’ करने की धमकी दी गई और उसे प्रैक्टिकल तथा परीक्षा से वंचित करने की बात कही गई थी।

परिसर में छात्रों का विरोध प्रदर्शन, सुरक्षा बल तैनात

हादसे की खबर फैलते ही शुक्रवार रात बड़ी संख्या में छात्र यूनिवर्सिटी परिसर के एडमिन ब्लॉक के बाहर इकट्ठा हो गए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पांच थानों की पुलिस के साथ डेढ़ प्लाटून पीएसी को तैनात किया गया।

शनिवार सुबह समाजवादी छात्र सभा के नेतृत्व में छात्रों ने धरना शुरू किया, जिसमें छात्रा के परिजन भी शामिल हो गए। बाद में एनएसयूआई के प्रतिनिधि और विपक्षी दलों के नेता भी मौके पर पहुंचे। इस दौरान विवि प्रशासन के प्रतिनिधियों के साथ तीखी बहस हुई, जिसमें छात्रा की मां ने एक एचओडी को थप्पड़ मारने का आरोप भी सामने आया।

सोशल मीडिया पर उठा मामला, कार्रवाई की मांग

घटना के बाद #JusticeForJyoti जैसे हैशटैग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर ट्रेंड करते रहे। विभिन्न छात्र संगठनों और आम लोगों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

50 से ज्यादा छात्राएं हॉस्टल खाली कर घर लौटीं

हादसे के बाद से विश्वविद्यालय के तीनों छात्रावासों में डर और तनाव का माहौल है। बताया जा रहा है कि 50 से अधिक छात्राएं हॉस्टल छोड़कर घर जा चुकी हैं। मृत छात्रा एकल बेड वाले कमरे में रह रही थी, जिसका सालाना शुल्क करीब 2.35 लाख रुपये है।

पुलिस जांच जारी, आरोपी प्रोफेसर न्यायिक हिरासत में

पुलिस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि क्या छात्रा ने स्वयं किसी दस्तावेज पर जाली हस्ताक्षर किए थे। गिरफ्तार किए गए दो प्रोफेसरों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here