गाजीपुर। कासिमाबाद पुलिस ने बहादुरगंज के चेयरमैन रेयाज अहमद अंसारी, उनकी पत्नी निकहत परवीन, नजीर अहमद और परवेज जमाल के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने बताया कि रेयाज और उनकी पत्नी पर यह गैंगस्टर एक्ट के तहत तीसरी बार मुकदमा दर्ज हुआ है, जबकि नजीर और परवेज के खिलाफ दूसरी बार मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि यह गिरोह संगठित होकर लोगों को धमकाता, अवैध वसूली करता और फर्जी दस्तावेज बनाकर धोखाधड़ी करता रहा है।
रेयाज और निकहत पहले भी गैंगस्टर मामलों में जेल जा चुके हैं और वर्तमान में जमानत पर हैं। सूत्रों के अनुसार, रेयाज अपने आप को स्व. मुख्तार अंसारी का करीबी बताकर क्षेत्र में भय का माहौल फैलाता रहा। उसके सहयोगी धमकाने और रंगदारी वसूलने के साथ ही अदालतों में गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं, जिससे आम लोग उनके खिलाफ गवाही देने से कतराते हैं।
पुलिस ने FIR में बताया कि गिरोह ने मदरसा प्रबंधन में फर्जी नियुक्तियां कराई और कूटरचित दस्तावेज बनाकर पद व अधिकार हासिल किए। इस गिरोह ने मदरसा मदरसतुल मसाकीन, बहादुरगंज में फर्जी कागजात बनाकर कई लोगों को ठगा। साथ ही संबंधित अधिकारियों को धमकाकर दस लाख रुपये तक की रंगदारी मांगी। विरोध करने वालों को मारपीट और जान से मारने की धमकियां भी दी गई।
अधिकारियों का कहना है कि गिरोह की गतिविधियों से क्षेत्र में भय का माहौल बन गया है और इससे न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित होती है। 2023-24 में दर्ज कुछ मामलों में निकहत परवीन और नजीर अहमद पर फर्जी नियुक्ति और धोखाधड़ी के आरोप साबित भी हुए हैं।
जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए गैंगचार्ट तैयार कर जिला मजिस्ट्रेट से मंजूरी ली। इसके बाद पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। विवेचना उपनिरीक्षक पुष्पेश चंद्र दुबे को सौंपी गई है। FIR में गिरोह को पेशेवर अपराधी बताया गया है, जो आर्थिक लाभ के लिए अपराध करते हैं।
सूत्रों के अनुसार, निकहत परवीन को फर्जी तरीके से नौकरी दिलाने में नजीर अहमद और परवेज भी शामिल थे। वर्तमान में परवेज वाराणसी जेडी कार्यालय में कार्यरत हैं। निकहत परवीन को नौकरी से बर्खास्त करने के बाद जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने रिकवरी का आदेश भी जारी किया था, लेकिन उच्च न्यायालय ने इस पर रोक लगा दी है।