डोमिनगढ़ से कुसम्ही तक बिछने वाली तीसरी लाइन के दूसरे हिस्से का भी काम शुरू हो गया है। डोमिनगढ़ से गोरखपुर जंक्शन के बीच मिट्टी भराई का काम लगभग पूरा हो चुका है। जहां जगह समतल है वहां लाइन भी बिछाई जा रही है। दिसंबर-जनवरी में इस पर नॉन इंटरलाकिंग व इंटरलाॅकिंग का कार्य कराए जाने की संभावना है। पूरी लाइन मार्च तक बन जाएगी।
गोरखपुर जंक्शन से हर दिन करीब डेढ़ सौ ट्रेनों व 40 मालगाड़ियों का संचालन हो रहा है। इतनी अधिक संख्या में ट्रेनों की आवाजाही के दौरान लाइन क्लीयर की समस्या रहती है। इसके चलते बस्ती की तरफ से आने वाली ट्रेनों को डोमिनगढ़ स्टेशन पर ही रोकना पड़ता है। पूरे रास्ते समय से आ रही ट्रेन यहां आकर कई बार आधे घंटे से लगायत एक घंटे तक लेट हो जाती है।
इससे यात्रियों को काफी परेशान होना पड़ता है। इसे देखते हुए रेल प्रशासन ने डोमिनगढ़ से कुसम्ही के बीच तीसरी लाइन बिछाने के लिए बजट स्वीकृत किया था। इस तीसरी लाइन का काम पहले कैंट से कुसम्ही तक पूरा किया गया। सितंबर में सीआरएस निरीक्षण के बाद वह रेल लाइन चालू हो चुकी है।
इसके बाद डोमिनगढ़ से गोरखपुर जंक्शन और गोरखपुर जंक्शन से कैंट स्टेशन के बीच का काम कराया जाना है। चूंकि यह पूरा हिस्सा शहर के बीच में है, लिहाजा यहां जगह, मिट्टी भराई, सामान आपूर्ति समेत तमाम दिक्कतें हैं। बताया जा रहा है कि इस तीसरी लाइन के साथ ही गोरखपुर जंक्शन पर सिग्नल सिस्टम को भी अपडेट किया जाना है, जिसके लिए नया भवन बन चुका है। अब उसमें उपकरण लगाने का काम चल रहा है।
वर्तमान में डोमिनगढ़ से गोरखपुर जंक्शन के बीच तीसरी लाइन का काम प्रगति पर है। गोरखनाथ ओवरब्रिज के दूसरी तरफ लाइन बिछ गई है। रेल लाइन बिछाने के कार्य में लगे कर्मचारियों ने बताया कि अभी काफी काम बाकी है। दिसंबर-जनवरी में जब लगन आदि का काम सुस्त होगा तो उस वक्त इस तीसरी लाइन के बचे हिस्से का नान इंटरलॉकिंग व इंटरलाॅकिंग कार्य होने की संभावना है। इसके साथ ही सिग्नल सिस्टम का भी कार्य चल रहा है।