एडेड स्कूलों के शिक्षकों को कैशलेस इलाज की सुविधा का सरकार ने फिर दिया आश्वासन

लखनऊ। प्रदेश के सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों-कर्मचारियों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा देने पर सरकार विचार करेगी। यह आश्वासन बुधवार को विधान परिषद में सरकार की तरफ से श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने दिया। परिषद में नियम 105 के तहत शिक्षक दल के ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने एडेड कॉलेजों के शिक्षकों-कर्मचारियों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा दिए जाने का मुद्दा उठाया। वहीं राजभर ने यह भी सुझाव दिया कि सीएम विवेकाधीन कोष में सहायता के लिए कोई भी आवेदन कर सकता है। 

वित्तविहीन शिक्षकों को राहत पैकेज देने का उठा मुद्दा
 विधान परिषद में नियम 105 के तहत निर्दलीय समूह के राजबहादुर सिंह चंदेल व डॉ. आकाश अग्रवाल ने कोविड-19 आपदाकाल में वित्तविहीन शिक्षकों को कोई राहत पैकेज न दिये जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने इस तरफ सरकार का ध्यान आकृष्ट किया। सरकार की तरफ से श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने सदन को तथ्यों से अवगत कराया। सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने सूचना पर कार्यस्थगन अस्वीकार कर सरकार को आवश्यक कार्यवाही के लिए संदर्भित किए जाने के निर्देश दिए।

उच्च शिक्षा में भी नोशनल वेतन वृद्धि देने पर हो विचार
 विधान परिषद में नियम 110 के तहत एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी व अक्षय प्रताप सिंह ने एडेड महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी नोशनल वेतन वृद्धि के लिए शासनादेश जारी करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि ऐसा न करके सेवानिवृत्त शिक्षकों के साथ सरकार का सौतेला व्यवहार है। जबकि प्रदेश के राजकीय व एडेड माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों-कर्मचारियों को इसका लाभ देने का आदेश हो चुका है।

निजीकरण जनता के हित के लिए, कर्मचारियों का रखेंगे पूरा ध्यान : आरके शर्मा

 ऊर्जा मंत्री आरके शर्मा ने बुधवार को विधानसभा में बिजली कंपनियों के निजीकरण के बारे में कहा कि इस फैसले में सरकार का कोई फिक्स एजेंडा नहीं है। यह जनता के हित के लिए किया जा रहा है। इसमें कर्मचारियों के हितों का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।

वे सपा सदस्य सचिन यादव और संग्राम यादव द्वारा निजीकरण से बिजली कर्मचारियों के हितों के प्रभावित होने के बारे में पूछे प्रश्न का जवाब दे रहे थे। सपा सदस्य निजीकरण पर रोक लगाने की मांग कर रहे थे। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सपा सरकार बिजली विभाग पर 1.42 लाख करोड़ रुपये घाटा छोड़कर गई थी। हम इसे कम करने की कोशिश कर रहे हैंं। पिछली सभी सरकार के प्रयासों के बावजूद बिजली विभाग सही नहीं चल रहा है। नोएडा में राष्ट्रपति शासन में निजीकरण हुआ, सपा सरकार आने पर इसे वापस नहीं लिया गया। इसी तरह बसपा सरकार में आगरा में टोरेंट कंपनी को लाने का फैसला भी सपा सरकार ने वापस नहीं लिया।

पहले से बोये हुए कुछ बबूल
वहीं दूसरी ओर अल्प आय वर्ग को नए कनेक्शन देने और बिजली कर्मचारियों की मनमानी को लेकर सपा सदस्य महेंद्र नाथ यादव के सवाल पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिलों में गड़बड़ी की बात को मैं स्वीकार करता हूं। उन्होंने हैरानी जताई कि सख्त कार्रवाई के बाद भी इसमें सुधार नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग अब तक 3394 मीटर रीडरों की सेवाएं समाप्त कर चुका है। वहीं 28 पर एफआईआर कराई जा चुकी है। इसके अलावा 85 नियमित कर्मचारियों पर भी कार्रवाई हुई है। उन्होंने कहा कि पहले से बोये हुए कुछ बबूल की वजह से यह हालात हैं। वहीं सपा सदस्य स्वामी ओमवेश, महबूब अली और कांग्रेस सदस्य आराधना मिश्रा मोना द्वार पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विभाग ने गर्मी में बिजली आपूर्ति की मुकम्मल व्यवस्था कर ली है। सौर ऊर्जा समेत तमाम विकल्पों के जरिए उत्पादन को बढ़ाया जा रहा है।

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