ज्ञानवापी परिसर: अविमुक्तेश्वरानंद मामले पर 11 और निगरानी मामले पर 14 नवंबर की तारीख

ज्ञानवापी परिसर से संबंधित दो मामलों में आज कोर्ट में सुनवाई होनी थी लेकिन दोनों की सुनवाई टल गई है। पहले केस में परिसर में मिले कथित शिवलिंग के पूजा-पाठ करने को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई होनी थी। लेकिन पीठासीन अधिकारी सिविल जज सीनियर डिवीजन कुमुदलता त्रिपाठी के अवकाश पर रहने के कारण सुनवाई अब 11 नवंबर को होगी।

वहीं, निगरानी मामले में अंजुमन इंतजामिया के अधिवक्ता मुमताज अहमद के बीमार होने के कारण सुनवाई टल गई। जिस पर सुनवाई अब 14 नवंबर को होगी। बता दें कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद व रामसजीवन ने वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार त्रिपाठी, रमेश उपाध्याय, चंद्रशेखर सेठ के माध्यम से अदालत में वाद दाखिल किया है। 

इसमें कहा गया है कि श्रृंगार गौरी प्रकरण में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के आदेश पर हुई कोर्ट कमीशन की कार्यवाही में मिले शिवलिंग की आकृति का विधिवत राग भोग, पूजन व आरती जिला प्रशासन की ओर से करना चाहिए। इसके लिए किसी सनातनी धर्म से जुड़े व्यक्ति को नियुक्त किया जाए।

हिंदू पक्ष ने दावा किया कि ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग है।

उनका कहना है कि कानूनन देवता की परिस्थिति एक जीवित बच्चे के समान होती है, जिसे अन्न-जल आदि नहीं देना संविधान की धारा अनुच्छेद-21 के तहत दैहिक स्वतंत्रता के मूल अधिकार का उल्लंघन है। ऐसे में पूजा-पाठ की अनुमति दी जाए।

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