कोतवाली हाथरस गेट क्षेत्र के हतीसा में 11 जनवरी की रात मोमबत्ती से कमरे में आग लगने से पलंग पर सो रहे बच्चे की मौत हो गई, जबकि उसका पिता व भाई झुलस गए। उपचार के लिए आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज ले जाते समय बच्चे ने रास्ते में दम तोड़ दिया। रोते बिलखते परिजन शव लेकर गांव वापस आ गए। सोमवार को इस बच्चे का दाखिला मदरसे में होना था, इससे एक दिन पहले ही उसका निधन हो गया।
कोतवाली हाथरस गेट क्षेत्र के हतीसा निवासी फिरोज बढ़ई का काम कर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। 11 जनवरी की रात वह अपने दो बेटों आहिल (10) और मोहम्मद अर्श (6) के साथ कमरे में सो रहे थे। अचानक बिजली चली गई। अंधेरा होने पर फिरोज ने कमरे में रखे संदूक के ऊपर एक मोमबत्ती जला दी। मोमबत्ती जला कर तीनों लोग सो गए।
अचानक मोमबत्ती से संदूक में आग लग गई। कमरे की कुछ अन्य वस्तुएं भी आग की चपेट में आ गई। इसी वहीं फिरोज और आहिल के सिर के बाल झुलस गए। आनन-फानन में परिजन अर्श को उपचार के लिए अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे। वहां से परिजन 12 जनवरी की सुबह बच्चे को उपचार के लिए जिला अस्पताल ले आए।
अर्श की हालत गंभीर होने के कारण चिकित्सक ने उसे यहां से एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा ले गए। उपचार के लिए आगरा ले जाते समय अर्श ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। उसकी मौत से परिजनों में मातम छा गया। परिजन बच्चे के शव लेकर गांव चले गए। अर्श को सोमवार को मदरसे में दाखिला दिलाकर पढ़ाई शुरू कराई जानी थी, लेकिन उससे पहले ही वह सबको रोता बिलखता छोड़ गया।