मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से सटी शाही मस्जिद ईदगाह का वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर की तरह सर्वे कराने को लेकर आज अदालत में सुनवाई होनी थी। इस बीच एक अधिवक्ता की निधन होने की वजह से अधिवक्ताओं ने कार्य नहीं किया, जिसके कारण ये सुनवाई टाल दी गई।
मथुरा बार एसोसिएशन के सदस्य बाबू लाल गौतम का निधन हो गया, जिससे अधिवक्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई। सभी अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे, जिसके वजह से मंगलवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान प्रकरण में होने वाली सुनवाई टाल दी गई।
बता दें मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान प्रकरण के वादी एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने सुनवाई से एक दिन पूर्व अदालत को बनारस की न्यायालय का एक आदेश प्रेषित था। इसमें बनारस के सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर द्वारा इसी प्रकार के एक मामले में 3 दिन के अंदर अधिवक्ता कमीशन द्वारा मामले की रिपोर्ट मांगने संबंधी आदेश किया गया।
जन्मस्थान प्रकरण के वादी महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उन्होंने अदालत से मांग की गई है कि मंगलवार को अदालत बनारस की न्यायिक अदालत की तरह ही इस मामले में भी अधिवक्ता कमीशन से जांच करा सकते हैं। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया है कि उसके द्वारा ईदगाह के प्रांगण से तथ्यों से छेड़छाड़ की जा रही है।
बता दें श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह द्वारा श्रीकृष्ण जन्मस्थान से संबंधित 13 .37 एकड़ जमीन पर दावा पेश किया गया है। उनका कहना है कि जिस स्थान पर शाही ईदगाह खड़ी है, उस स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण का मूल मंदिर था। जिसे औरंगजेब द्वारा तोड़कर ईदगाह तैयार की गई है और आज भी उसमें इस प्रकार के साक्ष्य मौजूद हैं जो उसके मंदिर होने की गवाही देते हैं।