मदरसा एक्ट रद्द करने की याचिका पर एससी में सुनवाई टली, अब 21 अक्टूबर को होगी

उत्तर प्रदेश के मदरसा एक्ट को असंवैधानिक घोषित करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है. कोर्ट अब इस मामले में 21 अक्टूबर को सुनवाई करेगा. मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इस मामले पर सुनवाई शुक्रवार को की जाए, हालांकि वकीलों की तरफ से शुक्रवार की जगह सोमवार को सुनवाई किए जाने का आग्रह किया था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए इसकी सुनवाई 21 अक्टूबर को तय कर दी.

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में नई बिल्डिंग के निर्माण कार्य शुरू किया जा रहा है. सोमवार 14 अक्टूबर को CJI द्वारा इसकी आधारशिला रखी जानी थी, जिसकी वजह से कोर्ट की कार्रवाई केवल 3:30 बजे तक ही चली. यही वजह है कोर्ट ने मदरसा एक्ट मामले की सुनवाई को आगे बढ़ा दिया. इस मामले की सुनवाई सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्र की पीठ कर रही है.

हाई कोर्ट के फैसले को SC में चुनौती

उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने असंवैधानिक घोषित कर दिया था. जिसके बाद कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. फैसले के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. ये याचिका अंजुम कादरी की तरफ से दायर की गई है. उनकी याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट के पास मदरसा शिक्षा बोर्ड को असंवैधानिक और रद्द करने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कोर्ट के फैसले को मनमाना बताया था.

हाई कोर्ट ने बताया था असंवैधानिक

वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 को असंवैधानिक धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ बताते हुए इसे घोषित कर दिया था. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करने वाला है. हालांकि मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी थी. उत्तर प्रदेश में चल रहे मदरसों की जांच के लिए सूबे की सरकार ने पिछले साल अक्टूबर 2023 में एसआईटी का गठन किया था.

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