उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के घर के बाहर लगा एक विशाल होर्डिंग इन दिनों राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस होर्डिंग पर लिखा है—“निषाद की ताकत को मत आजमाओ, भरोसे को यूं मत गंवाओ”। संदेश में चेतावनी और नाराज़गी दोनों झलक रही हैं। सवाल यह उठ रहा है कि क्या यह इशारा सीधे बीजेपी की ओर है।
पिछले हफ्ते ही गोरखपुर में संजय निषाद का बयान सुर्खियों में रहा था। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कहा था कि अगर बीजेपी को लगता है कि गठबंधन का कोई फायदा नहीं है, तो उसे खत्म कर सकती है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यूपी की जीत केवल बीजेपी की उपलब्धि नहीं थी, बल्कि साझा ताकत का परिणाम थी।
हालाँकि, बयान के बाद उनके तेवर कुछ नरम भी दिखे। संजय निषाद की डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की तस्वीरें सामने आईं। उन्होंने बताया कि मुलाकात में उन्होंने अपनी शिकायतें रखीं और उन्हें कार्रवाई का आश्वासन भी मिला।
NDA में दरार के कयास
इन घटनाक्रमों के बीच विपक्ष को भी निशाना साधने का मौका मिल गया है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का कहना है कि यूपी में एनडीए के भीतर सबकुछ ठीक नहीं है। संजय निषाद की नाराज़गी भले ही बातचीत में कम होती दिखी हो, लेकिन उनके आवास के सामने लगे होर्डिंग कुछ और कहानी बयां कर रहे हैं। इसका मतलब साफ है कि मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम से मुलाकात के बावजूद नाराज़गी पूरी तरह दूर नहीं हुई है।