बरेली। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा प्रहार करते हुए उनसे सार्वजनिक माफी की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द माफी नहीं मांगी गई तो एक बड़ा जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
मौलाना रजवी ने कहा कि मस्जिद को लेकर सपा नेताओं का रवैया निंदनीय है। मस्जिद अल्लाह का घर है, वहां किसी भी प्रकार की राजनीतिक पंचायत नहीं हो सकती। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव, सांसद डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव और मोहिबुल्लाह नदवी ने मस्जिद की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। वहां बैठकों के जरिए मस्जिद की पवित्रता का उल्लंघन हुआ है।
उन्होंने मुस्लिम समुदाय से आह्वान किया कि वे धर्मस्थलों की गरिमा बनाए रखें और किसी भी सियासी इस्तेमाल का विरोध करें। उन्होंने कहा कि अगर समाजवादी पार्टी ने इस पर खेद नहीं जताया, तो वर्ष 2027 के विधानसभा चुनावों में मुस्लिम समुदाय सपा उम्मीदवारों से इस विषय पर जवाब तलब करेगा।
मौलाना साजिद रशीदी के साथ मारपीट पर तीखी प्रतिक्रिया
मौलाना रजवी ने मौलाना साजिद रशीदी के साथ हालिया मारपीट की घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि किसी के विचारों से असहमति का जवाब हिंसा नहीं हो सकती। बातचीत से समाधान निकाला जाना चाहिए था। उन्होंने माना कि रशीदी के बयान में शब्दों का चयन गलत हो सकता है, लेकिन उस पर हमला करना न्यायसंगत नहीं है। रजवी ने इस विषय में दिल्ली के मुख्यमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष को पत्र भी भेजा है और चेतावनी दी है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो देशभर के उलेमा सड़कों पर उतरेंगे।
अखिलेश यादव पर निष्क्रियता का आरोप
प्रेस वार्ता के दौरान रजवी ने अखिलेश यादव पर चुप्पी साधने और सिर्फ सोशल मीडिया तक सीमित रहने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि जब राजधानी लखनऊ में सैकड़ों मुसलमानों के घरों पर बुलडोजर चला, तब अखिलेश सड़कों पर नहीं दिखे। उन्होंने आजम खान के जेल में रहने के दौरान भी सपा प्रमुख की निष्क्रियता पर सवाल उठाए। रजवी ने कहा कि अखिलेश को अपने पिता मुलायम सिंह यादव की विरासत तो मिल गई, लेकिन अल्पसंख्यकों की चिंता नहीं दिखाई देती।