गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के मन में बनी गोरखपुर के ”सिटी ऑफ नॉलेज” की छवि को महज पौने तीन वर्ष में ही धरातल पर उतार दिया है। 28 अगस्त को एक दिन में दो विश्वविद्यालयों की सौगात देने पहुंचने बाले राष्ट्रपति अब मन में कल्पित गोरखपुर की ”ज्ञान की नगरी” की छवि को न सिर्फ साकार होते देखेंगे, बल्कि उसके साक्षी भी बनेंगे।
एक विश्वविद्यालय की नींव रखने और दूसरे का लोकार्पण करने आ रहे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 10 दिसम्बर 2018 को भी गोरखपुर आए थे। तब उन्होंने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह में बतौर मुख्य अतिथि परिषद के शताब्दी वर्ष 2032 तक गोरखपुर को ”सिटी ऑफ नॉलेज” बनाने का आह्वान किया था। अब लगभग पौने तीन वर्ष बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गोरखपुर में दो विश्वविद्यालयों की सौगात देने या रहे हैं। अब जब वह वे दोबारा गोरखपुर में होंगे तो उनकी मंशा के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास का परिणाम दिखेगा।
राजनैतिक जीवन की शुरुआत से ही योगी की शिक्षा-चिकित्सा में रही है रुचि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उनके राजनीतिक जीवन के शुरुआत से ही शिक्षा-चिकित्सा रुचि का विषय रहा है। राष्ट्रपति से मिली प्रेरणा के बाद इसमें उनकी रुचि लगातार बढ़ती गई। शायद उसी प्रेरणा का परिणाम है कि योगी आदित्यनाथ ने महज पौने तीन वर्ष में ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के मन मे संजोए गए सपने को धरातल पर उतार दिया है। गोरखपुर बहुत तेजी से ”ज्ञान की नगरी” बनने की दिशा में बढ़ने लगा है।