प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी का मामला सामने आया है। राज्य निर्वाचन आयोग की शुरुआती जांच में यह खुलासा हुआ कि सूची में एक करोड़ से अधिक ऐसे नाम दर्ज हैं, जिनमें नाम, पता, उम्र, लिंग और जाति जैसी सूचनाओं में असामान्य समानता पाई गई है।
फर्जीवाड़े का पता लगाने के लिए आयोग ने पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का सहारा लिया। जांच के दौरान मिले आंकड़े चौंकाने वाले रहे। इसके बाद निर्णय लिया गया है कि ब्लॉक लेवल ऑफिसर (बीएलओ) घर-घर जाकर इन नामों का भौतिक सत्यापन करेंगे।
राज्य निर्वाचन आयुक्त राज प्रताप सिंह ने शुक्रवार को आयोग के नए कार्यालय के भूमि पूजन के बाद जानकारी दी थी कि आगामी पंचायत चुनाव में एआई और फेस रिकग्निशन सिस्टम का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संवेदनशील बूथों पर एआई आधारित फेस रिकग्निशन तकनीक से फर्जी मतदाताओं की पहचान की जाएगी।
एआई के शुरुआती परीक्षण में ही मतदाता सूची में एक करोड़ से अधिक संदिग्ध नाम सामने आ चुके हैं। अब जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि बीएलओ के माध्यम से इनकी जांच सुनिश्चित करें। साथ ही, अगर कहीं से फर्जी नामों की शिकायत आती है तो उसकी भी अलग से जांच की जाएगी।