कानपुर: 13 दिनों में 3 डॉक्टरों के 7 तबादले, सीएमओ से डीएम ने मांगा स्पष्टीकरण

उत्तर प्रदेश के कानपुर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. हरी दत्त नेमी एक बार फिर चर्चा में हैं। शहर में लगातार छापेमारी कर सुर्खियों में रहने वाले डॉ. नेमी इस बार डॉक्टरों के बार-बार तबादलों को लेकर विवादों में हैं। महज 13 दिनों में तीन डॉक्टरों के सात बार तबादले करने पर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया।

कारण बताओ नोटिस जारी
ताबड़तोड़ तबादलों का मामला जिलाधिकारी तक पहुंचने के बाद डॉ. नेमी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सूत्रों का कहना है कि CMO ने अब तक स्पष्ट जवाब नहीं दिया है, हालांकि डॉ. नेमी का दावा है कि उन्होंने नोटिस का जवाब दे दिया है और जिलाधिकारी उनके उत्तर से संतुष्ट हैं।

तबादलों का सिलसिला कैसे शुरू हुआ?
जनवरी 2025 में कानपुर में कार्यभार संभालने के बाद से ही डॉ. नेमी ने तबादलों की प्रक्रिया शुरू की। 21 फरवरी को डॉ. प्रभाकर त्रिपाठी का तबादला जिला कारागार से सीएससी चौबेपुर और डॉ. समीर नारायण सिंह का तबादला सीएचसी भीतरगांव किया गया। छह दिन बाद, 27 फरवरी को डॉ. त्रिपाठी को वापस जिला कारागार में और डॉ. समीर को सीएचसी बिठूर भेजा गया।

डॉ. समीर के वहां पहुंचने से पहले ही एक नया आदेश जारी कर उन्हें जिला क्षयरोग अधिकारी के अधीन कर दिया गया। इसके तीन दिन बाद, 3 मार्च को आदेश बदलकर उन्हें फिर से कारागार चिकित्सालय में बहाल कर दिया गया। इसी दिन डॉ. आरएन सिंह का तबादला पुलिस चिकित्सालय में कर दिया गया।

प्रशासनिक असमंजस
डॉक्टरों को बार-बार एक ही पद पर बहाल करने की प्रक्रिया ने स्वास्थ्य विभाग में असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है। आमजन और विभागीय कर्मचारी इसे लेकर हैरान हैं, जबकि प्रभावित डॉक्टरों की कार्यशैली को लेकर सकारात्मक चर्चा भी हो रही है।

CMO का पक्ष
डॉ. हरी दत्त नेमी ने इस पूरे मामले में सफाई देते हुए कहा कि किसी डॉक्टर का बार-बार तबादला नहीं किया गया है और जो भी स्पष्टीकरण मांगा गया था, उसका जवाब समय पर दे दिया गया है।

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