काशी विश्वनाथ मंदिर: महाशिवरात्रि से पहले उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में महाकुंभ पलट प्रवाह के 35वें दिन मंगलवार को सुबह से 12 बजे तक दो लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिया। भोर में मंगला आरती के बाद से ही भक्तों की लाइनें गोदौलिया और मैदागिन तक लगी रहीं। वहीं वीआईपी और प्रोटोकॉल दर्शन भी हो रहे हैं। गर्भगृह के एक द्वार से डबल लाइन में भक्तों को दर्शन कराकर भीड़ प्रबंधन किया जा रहा है। 

मंदिर सीईओ विश्वभूषण मिश्रा ने कहा कि गर्भगृह के एक द्वार से दो दो लाइनों में लगे भक्तों को दर्शन कराया जा रहा है। मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा के पहल पर ये व्यवस्था लागू की गई है। इससे ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालुओं को दर्शन कराया जा पा रहा है। इसमें एक लाइन में लगे मंदिर के सामान्य श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं।

वहीं दूसरी लाइन में आने वाले भक्तों को सीढ़ीदार प्लेटफॉर्म बनाकर गर्भगृह के बाहर से झांकी दर्शन कराया जा रहा है। ऐसे में एक समय में एक गेट से दो लाइनों में लगे श्रद्धालुओं को दर्शन करा दिया जा रहा है।

मंदिर सीईओ ने कहा कि इसके अलावा मंदिर के अंदर भीड़ प्रबंधन को लेकर भी काम चल रहा है। महाशिवरात्रि पर भी मंदिर में दर्शन- पूजन महाकुंभ में लागू किए गए नियमों के अनुसार ही होगा। 

Kashi Vishwanath temple crowd of devotees before Mahashivratri 2025 due to reverse of mahakumbh

सुरक्षा इंतजामों में लगे काशी जोन के एडीसीपी
उधर, भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए काशी जोन के एडीसीपी सरवणन टी. ने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। कहा कि महाकुंभ के पलट प्रवाह के चलते वाराणसी में पर्यटकों और तीर्थयात्रियों का बड़ा जमावड़ा है। हर रोज यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि पर्यटक और तीर्थयात्री सुरक्षित तरीके से दर्शन कर सकें। तीर्थयात्रियों के प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग जगह बनाई गई है। जिससे आवाजाही में कोई बाधा न आए। साथ ही ड्रोन से नावों में भीड़भाड़ को लेकर निगरानी की जा रही है। सभी नाव मालिकों को पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जानकारी भी दी गई है। 

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