महाकुंभ में केकड़ी की महिला की मौत, पति से बिछड़ गई थी

प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ के दौरान लोगों की भीड़ में कुचलकर राजस्थान के केकड़ी में रहने वाली एक महिला की मौत हो गई। भगदड़ के दौरान महिला अपने पति से बिछड़ गई थी, लेकिन फिर वह जीवित नहीं मिल सकी।

केकड़ी क्षेत्र के स्यार गांव निवासी बुजुर्ग रामनारायण बैरवा को यह नहीं पता था कि धार्मिक यात्रा पर अपनी पत्नी के साथ महाकुंभ में स्नान करने का उनका उत्साह उन्हें जीवनभर के लिए अकेला कर देगा। वे खुशी-खुशी संगम की ओर बढ़ रहे थे, जब अचानक भीड़ का संतुलन बिगड़ गया और भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में उनकी पत्नी उनसे बिछड़ गई। रामनारायण ने भीड़ में अपनी पत्नी को ढूंढने की हर संभव कोशिश की, लेकिन वह नहीं मिली। इसके बाद उन्हें अपनी पत्नी की मौत की खबर और उनका शव मिला।

दअरसल, 28 जनवरी को प्रयागराज के महाकुंभ के दौरान मची भगदड़ में केकड़ी क्षेत्र के सरवाड़ थानांतर्गत ग्राम स्यार की 60 वर्षीय महिला निहाली देवी पत्नी रामनारायण बैरवा की भी मौत हो गई। निहाली देवी अपने पति के साथ 22 जनवरी को धार्मिक यात्रा पर रवाना हुई थीं। वे मथुरा, वृंदावन और अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन करते हुए 27 जनवरी को महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज पहुंचे थे। उनके साथ करीब 50 अन्य यात्री भी थे।

28 जनवरी को वे महाकुंभ में स्नान के लिए संगम तट की ओर बढ़ रहे थे, जब रात करीब दो बजे भगदड़ मच गई। वे अपने इच्छित स्थान से लगभग तीन सौ मीटर की दूरी पर थे। इस भगदड़ में पति-पत्नी एक-दूसरे से बिछड़ गए। रामनारायण ने अपनी पत्नी को ढूंढने की हर संभव कोशिश की, लेकिन उनका कोई पता नहीं चला। अगले दिन दोपहर करीब 12 बजे कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि उनकी पत्नी का शव लखनऊ अस्पताल में है।

सूचना मिलने पर रामनारायण के होश उड़ गए। वे तुरंत लखनऊ पहुंचे, जहां उनकी पत्नी का शव रखा हुआ था। पत्नी का शव देखकर रामनारायण फुट-फूटकर रो पड़े। बाद में उन्होंने एंबुलेंस से अपनी पत्नी के पार्थिव शरीर को गांव भेजने की व्यवस्था की। गुरुवार दोपहर करीब 1 बजे जब एंबुलेंस गांव पहुंची, तो परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई और पूरा गांव शोक में डूब गया।

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