वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी प्रकरण में इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश आते ही काशी में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है। ज्ञानवापी के सामने काशी विश्वनाथ धाम के गेट नंबर चार पर साधु-संत खुशी में शंख बजाते हुए नजर आए। वहीं पुलिस बल पूरी तरह से मुस्तैद है। हाईकोर्ट के फैसले के तुरंत बाद निर्मोही अखाड़े की महामंडलेश्वर किन्नर हिमांगी सखी काशी विश्वनाथ धाम के गेट नंबर चार पर पहुंच गईं। उन्होंने हाथ में त्रिशूल लेकर बीच सड़क पर तांडव नृत्य शुरू कर दिया। शंख बजाकर महादेव का जयघोष किया।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने हिमांगी सखी ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब बाबा हमारे होंगे। मेरी कामना पूरी होगी। एएसआई सर्वे से आदिविश्वेश्वर बाबा सामने आएंगे। कहा कि आज शंखनाद करती हूं कि बाबा मुक्त होंगे। वह दिन नजदीक आ रहा है जब मैं ज्ञानवापी में जाकर अपने आराध्य अर्धनारीश्वर का जलाभिषेक करुंगी।
उन्होंने कहा कि अदालत और सरकार पर विश्वास है। मसाजिद कमेटी देखती रह जाएगी। जल्द ही बाबा मुक्त होंगे। किन्नर हिमांगी सखी के अलावा कई हिंदूवादी दलों के लोग ज्ञानवापी के बाहर पहुंचे। लोगों ने हर-हर महादेव के नारे लगाए।
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए परिसर के एएसआई सर्वे को हरी झंडी दी है। इसके साथ ही एएसआई सर्वे को तत्काल प्रभाव से प्रभावी कर दिया है।
राष्ट्रीय हिंदू दल ने पटाखे फोड़कर मनाई खुशी
ज्ञानवापी प्रकरण में इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश आते ही राष्ट्रीय हिन्दू दल संगठन ने सड़कों पर जश्न मनाना शुरू कर दिया। सड़कों पर पटाखे फोड़कर और ढोल-गाजे-बाजे के साथ शंखनाद कर एक दूसरे को मिठाई खिलाकर हर्ष मनाया। संगठन के अध्यक्ष रोशन पाण्डेय और प्रदेश अध्यक्ष बबलू अग्रहरि ने कहा कि हमलोग कई वर्षों से ज्ञानवापी की लड़ाई लड़ रहे थे अब नंदी की प्रतीक्षा पूरी होते दिख रही है। हमें बाबा विश्वनाथ से पूरा उम्मीद है फैसला हम लोग के पक्ष में है। ज्ञानवापी हिंदुओं को मिलकर रहेगा।
सर्वे का काम जल्द पूरा कराना हमारी प्राथमिकता

हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि एएसआई का सर्वे संबंधी जिला अदालत का आदेश सही है। अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी अब सुप्रीम कोर्ट जा सकती है, लेकिन वहां भी उनकी दलीलें काम नहीं आएंगी। ज्ञानवापी में इतने साक्ष्य मौजूद हैं और वह स्वत: गवाही दे रहे हैं कि मंदिर को तोड़ कर उसके ढांचे पर मस्जिद बनाई गई है। सर्वे के दौरान हम लोग एएसआई को पूरी तरह से सहयोग करेंगे। सर्वे का काम जल्द संपन्न हो, यह हमारी प्राथमिकता में है।