कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने अपने आंदोलन को यूपी गेट पर गांव का रूप दे दे दिया है। साथ ही दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर वर्ष 1988 के बाद दूसरी बार अपनी धारा-288 लगाने का एलान भी किया है। इसके तहत पुलिस को किसान की हद में नहीं आने दिया जाता है। इस बीच राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने तीन दिसंबर को सरकार से वार्ता होने की बात कही।