यूपी में लेखपाल के बेटे व उसके दोस्त का अपहरण, मुठभेड़ के बाद दोनों बरामद

बरेली। रिटायर लेखपाल के बेटे अनूप कटियार व उसके दोस्त हरीश कटियार का अपहरण हो गया। बदमाशों ने दोनों को बंधक बना लिया। अनूप की पत्नी के पास जब पांच लाख रुपये की फिरौती के लिए फोन आया तो पुलिस सक्रिय हुई। देर रात बारादरी पुलिस ने मुठभेड के बाद तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर अनूप व हरीश को बरामद कर लिया। तीनों बदमाशों के पैर में गोली लगी है।

बारादरी थाने के एसएसआइ रोहित व हेड कांस्टेबल असलम भी घायल हुए हैं। पूरे मामले में अनूप की भूमिका पुलिस को संदिग्ध लग रही है।

मूलरूप से हरदोई के पांडेयपुर निवासी अनूप कटियार के पिता अमर सिंह कटियार बरेली में लेखपाल के पद से सेवानिवृत्त हैं। वह बारादरी क्षेत्र के गणेशपुरम में परिवार संग रहते हैं। चूंकि, गांव में खेती है इसलिए अनूप का अक्सर वहां पर आना जाना लगा रहता है।

17 जनवरी को निकला था गांव के लिए

17 जनवरी को अनूप अपने घर पांडेयपुर के लिए निकले थे। वहां पहुंचकर बातचीत हुई और कहा कि अब घर से वह अपने दोस्त हरीश कटियार के पास बांदा में मोहल्ला अंडा गोदाम जा रहे हैं। फिर उनका फोन बंद हो गया। 19 जनवरी को दोपहर बाद अनूप की पत्नी के पास अनूप के ही फोन से कॉल आई। सामने से अनूप ने नहीं किसी और ने बात की। कहा कि अगर अनूप को जिंदा चाहती हैं तो पांच लाख रुपये का इंतजाम करें। यदि पांच लाख फिरौती नहीं दी तो अनूप की हत्या कर दी जाएगी।

पुलिस ने प्राथमिकी लिखकर जांच शुरू कर दी। सोमवार देर रात पुलिस टीमों की भोजीपुरा के मियांपुर-धौराटांडा गांव के पास बदमाशों से मुठभेड़ हुई, जिसमें भोजीपुरा के मियांपुर गांव निवासी अंकित कटियार, शाहिद और देवरनिया के पिपरा नानकार निवासी वीरू उर्फ वीरपाल के पैर में गोली लगने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया।उनके साथ अनूप कटियार को बरामद किया, जबकि अनूप का दोस्त हरीश दूसरे स्थान से बरामद हुआ। हरीश ने पुलिस को बताया कि उसे बंधक बनाकर रखा था। पुलिस ने बदमाशों के पास से तीन तमंचे और कारतूस मिले हैं।

अनूप के अपहरण की कहानी नहीं उतर रही पुलिस के गले

प्रारंभिक पूछताछ में अनूप के अपहरण की कहानी पुलिस के गले नहीं उतर रही है। वह पुलिस के सवालों में लगातार उलझता जा रहा है। पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि, जब अनूप व हरीश दोनों का अपहरण हुआ तो दोनों अलग-अलग स्थानों पर क्यों मिले। हरीश कमरे में था और वह बता रहा था कि उसे बंधकर रखा गया, जबकि अनूप बदमाशों के साथ मुठभेड़ में पकड़ा गया।पुलिस ने सभी को पकड़ने के बाद उनसे पूछताछ शुरू की। आधी रात तक चीजें स्पष्ट नहीं हो सकी थीं। एसएसपी अनुराग आर्य ने मामले में रिपोर्ट दर्ज होते ही खुद कमान संभाल ली। उन्होंने एसपी सिटी मानुष पारीक को एसओजी, सर्विलांस, साइबर और बारादरी पुलिस की पांच टीमें बनाकर बरामदगी की जिम्मेदारी सौंपी। सर्विलांस से अनूप और हरीश के मोबाइल की लोकेशन जुटाने के बाद पुलिस टीमों ने भोजीपुरा क्षेत्र में डेरा डाल दिया और देर रात मुठभेड़ के दौरान तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर अनूप व हरीश को बरामद कर लिया।

सवाल! कहीं हरीश के अपहरण की तो नहीं थी योजना

पुलिस ने जब बदमाशों के चुंगल से दोनों को बरामद कर लिया तो पूछताछ की शुरू हुई, मगर पुलिस के सवालों में घिरते हुए अनूप कई जवाब नहीं दे पाया। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि अनूप ने ही अपने दोस्त हरीश के अपहरण की योजना बनाई और खुद भी उसमें फंस गया। बहरहाल यह सभी पूछताछ के बाद स्पष्ट होगा।

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