लखीमपुर खीरी के निघासन कांड के चारो दोषियों की सजा पर सोमवार को फैसला आ गया। अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के दोषी छोटू उर्फ सुनील और जुनैद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर 15-15 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। जबकि आरिफ और करीमुद्दीन को छह-छह साल की सजा सुनाई गई है। इन दोनों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
निघासन थाना क्षेत्र में अनुसूचित जाति की दो सगी बहनों से दुष्कर्म और हत्या के मामले में एडीजे (पॉक्सो एक्ट) राहुल सिंह की अदालत ने 10 महीने 27 दिन तक चली सुनवाई के बाद छोटू उर्फ सुनील, जुनैद, आरिफ और करीमुद्दीन को दोषी पाया। इस प्रक्रिया के दौरान परिजन समेत 15 लोगों की गवाही हुई, 24 दस्तावेजी साक्ष्य सौंपे गए, साथ ही 40 वस्तु जनित साक्ष्य सौंपे गए। दोनों बहनों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट, आयु प्रमाणपत्र, कपड़ों को बतौर साक्ष्य शामिल किया गया। अदालत ने 126 पेज में दोषियों के गुनाह तय किए हैं। बीते 11 अगस्त को कोर्ट ने चारों अभियुक्तों को दोषसिद्ध करार दिया था।
अदालत ने दोषियों की सजा पर सुनवाई के लिए 14 अगस्त की तारीख नियत की थी। सोमवार को अदालत ने चारों दोषियों को सजा सुनाई। छोटू उर्फ सुनील और जुनैद दोनों दुष्कर्म और हत्या के दोषी पाए गए हैं, जबकि आरिफ और करीमुद्दीन शव को लटकाने में सहयोग करने में दोषी हैं। जिसके आधार पर चारों दोषियों को सजा सुनाई गई है।
ये था मामला
यह घटना 14 सितंबर 2022 को निघासन थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई थी। दुष्कर्म और हत्या के बाद दोनों बहनों के शव बाग में पेड़ से लटका दिए गए थे। घटना की जांच के लिए एसआईटी बनाई गई थी। कुल छह आरोपियों को जेल भेजा गया था। इनमें से दो आरोपी घटना के वक्त नाबालिग थे। सुनील उर्फ छोटू के अलावा अन्य सभी आरोपी मृतका के पड़ोस के गांव के ही थे। मामले में 15 सितंबर को मुकदमा दर्ज करने के 14 दिन के अंदर ही 28 सितंबर को पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी।