लखनऊ मेट्रो के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। मेट्रो फेज-1बी के तहत प्रस्तावित ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर को सार्वजनिक निवेश बोर्ड (PIB) से मंजूरी मिल गई है। यह कॉरिडोर चारबाग को वसंतकुंज से जोड़ेगा। इसी महीने की शुरुआत में दिल्ली में केंद्रीय वित्त सचिव की अध्यक्षता में PIB की बैठक हुई थी, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधि शामिल थे। अब इस परियोजना की अंतिम मंजूरी के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) को केंद्रीय कैबिनेट के पास भेज दिया गया है।
मार्च 2024 में राज्य सरकार ने इस DPR को स्वीकृति दी थी, और इसके बाद जुलाई में नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (NPG) ने भी इसे हरी झंडी दे दी थी। प्रस्तावित कॉरिडोर की कुल लंबाई 11.165 किलोमीटर होगी, जिसमें 6.879 किमी भूमिगत और 4.286 किमी एलिवेटेड हिस्सा शामिल है। इस रूट पर कुल 12 मेट्रो स्टेशन होंगे – जिनमें 7 भूमिगत और 5 एलिवेटेड होंगे। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 5,801 करोड़ रुपये है।
12 नए स्टेशन होंगे इस कॉरिडोर में
यह कॉरिडोर लखनऊ मेट्रो के मौजूदा उत्तर-दक्षिण रूट से चारबाग स्टेशन के माध्यम से जुड़ेगा, जो इंटरचेंज के रूप में कार्य करेगा। इस नए कॉरिडोर में निम्नलिखित स्टेशन शामिल होंगे:
- चारबाग (भूमिगत)
- गौतम बुद्ध नगर (भूमिगत)
- अमीनाबाद (भूमिगत)
- पांडेयगंज (भूमिगत)
- सिटी रेलवे स्टेशन (भूमिगत)
- मेडिकल चौराहा (भूमिगत)
- चौक (भूमिगत)
- ठाकुरगंज (एलिवेटेड)
- बालागंज (एलिवेटेड)
- सरफराजगंज (एलिवेटेड)
- मूसाबाग (एलिवेटेड)
- वसंतकुंज (एलिवेटेड)
पुराने लखनऊ को मिलेगी बेहतर कनेक्टिविटी
यह नया ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर लखनऊ के पुराने और घनी आबादी वाले इलाकों – जैसे अमीनाबाद, चौक, और ठाकुरगंज – को मेट्रो से जोड़ेगा। साथ ही शहर के तेजी से विकसित हो रहे पश्चिमी हिस्से, खासकर वसंतकुंज तक बेहतर आवागमन की सुविधा देगा। परियोजना के पूरा होने के बाद लखनऊ मेट्रो नेटवर्क की लंबाई लगभग 35 किलोमीटर हो जाएगी, जिससे वर्तमान उत्तर-दक्षिण लाइन को बेहतर इंटरकनेक्टिविटी मिलेगी।
UPMRC का बयान – समय से पहले पूरा करने का लक्ष्य
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा कि मेट्रो के विस्तार से घने इलाकों में भी यात्रियों को सुरक्षित, सुविधाजनक और आधुनिक ट्रांसपोर्ट मिलेगा। उन्होंने बताया कि मेट्रो के इस नए रूट से शहर के पर्यटन, रोजगार, संस्कृति और खानपान जैसे क्षेत्रों को नई गति मिलेगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि चारबाग-वसंतकुंज रूट को तय समय से पहले पूरा करने की पूरी कोशिश की जाएगी।
कब तक पूरा होगा यह प्रोजेक्ट?
इस परियोजना के निर्माण कार्य में चार से पांच वर्षों का समय लगने का अनुमान है। यूपीएमआरसी ने ज़रूरी सर्वेक्षण और डाटा संग्रह पहले ही पूरा कर लिया है। कैबिनेट की स्वीकृति मिलते ही निर्माण का कार्य आरंभ हो जाएगा। फिलहाल लखनऊ मेट्रो की सेवा 21 स्टेशनों के साथ सीसीएस एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया तक जारी है।