लखनऊ: घटिया चाय पत्ती को रंगकर बना रहे थे ब्रांडेड, दो गिरफ्तार

घटिया चायपत्ती को रंगकर ब्रांडेड पैकिंग में पैक कर महंगे दामों पर बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ एफएसडीए ने किया है। भदेवां में अवैध रूप से चल रही फैक्टरी में नकली चाय पत्ती बनाते दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। गिरफ्तार हुए लोगों ने बताया कि बहराइच, बलरामपुर जिलों में इस नकली चाय पत्ती को बेचा जाता था।

सहायक आयुक्त खाद्य डॉ. एसपी सिंह ने अपनी टीम के साथ एक सूचना मिलने पर नई बस्ती, भदेवां के मकान संख्या 266/144 और 266/326 पर छापा मारा। पुलिस की मौजूदगी में की गई कार्रवाई में यहां बड़ी मात्रा में घटिया गुणवत्ता की चाय पत्ती का बड़ा स्टॉक मिला। वहीं चाय पत्ती को रंगने के लिए कलर और बर्तन भी मिले। ये मकान मो. नुसुर और मो. अतीक के बताए गए हैं। मौके से मो. उमर नवाज निवासी कहारन टोला नानपारा बहराइच और मो. आदिल निवासी बेलदारन टोला नानपारा बहराइच हैं। ये मौके पर चाय को रंगने का काम करते हुए मिले।

टीम ने जब कार्रवाई की तो यहां अलग-अलग ब्रांड हमदम टी, गोल्डन टी, फैमिली ग्रीन टी, नेशनल टी, गार्डन फ्रेश टी के रैपर और पैकिंग मशीन भी मिली। इन ब्रांडनेम से रंगी हुई चाय को पैक कर बेचा जाता था। जांच के लिए अब उपयोग हो रहे कलर, तैयार चाय पत्ती, खुली चाय पत्ती के आठ नमूने भर भेजा गया है।

करीब पांच लाख की चाय पत्ती जब्त
एफएसडीए ने कार्रवाई कर अवैध फैक्टरी से करीब 15 क्विंटल चाय पत्ती जब्त की है। इसकी कीमत करीब पांच लाख रुपये बताई जा रही है। वहीं करीब 35 किलोग्राम रंग यहां मिला इसकी कीमत भी करीब 20 हजार रुपये है।

तीन गुना तक मुनाफे का खेल
अधिकारियों का कहना है कि करीब 70 से 80 रुपये किलो की निम्न गुणवत्ता की चाय पत्ती नकली चाय पत्ती बनाने वाले लोग खरीदते थे। इसे रंगकर अच्छी दिखने वाली चाय पत्ती की तरह तैयार किया जाता था। इसके बाद यह 250 से 300 रुपये किलोग्राम तक आसानी से बिक जाती है। करीब तीन गुना मुनाफा इससे पकड़े गए लोगों को होता था। जांच के बाद ही पता चलेगा कि जिस रंग का उपयोग किया जा रहा था, वह भी सुरक्षित है कि नहीं?

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