मदरसों के सर्वे की प्रक्रिया एक सामान्य प्रक्रिया है। इसमें मुस्लिम समाज के लोगों को सहयोग करना चाहिए। ये बातें शुक्रवार को उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने मदरसों के सर्वे को लेकर ओवैसी बंधुओं द्वारा दी गई प्रतिक्रिया के जवाब में कही। उन्होंने कहा कि हैदराबाद के ओवैसी बंधु बड़े और खानदानी लोग है। उनके बच्चे विदेशों में जाकर शिक्षा ग्रहण करते हैं।
मुस्लिम समाज के आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे बेहतर शिक्षा ग्रहण न कर सकें, इसके लिए ऐसे लोग सियासत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग से ऐसे लोगों के बहकावे में न आएं। डॉ. इफ्तिखार ने आगे कहा कि प्रदेश के सभी मदरसे बेहतरीन तरीके से बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं।
चंदे व जकात के पैसे से चलने वाले ये मदरसे समाज के गरीब, कमजोर, लाचार व यतीम बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं। यूपी में मदरसों के सर्वे के पीछे शासन की मंशा ये है कि जो बच्चे गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में पढ़ रहे हैं, उनकी शिक्षा की गुणवत्ता क्या है। मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों को कैसी सुविधाएं मिल रही है।
जिससे आने वाले समय में इन बच्चों सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में मदरसों को मान्यता नहीं दी गई। इस सर्वे के माध्यम मदरसों के मान्यता की प्रक्रिया को पूरा करने में भी मदद होगी।