महाकुंभ कैबिनेट: यूपी एयरोस्पेस तथा रक्षा इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति को मंजूरी

महाकुंभ कैबिनेट में उत्तर प्रदेश को एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर का सबसे बड़ा केंद्र बनाने के लिए नई नीति को मंजूरी दी गई है। यूपी एयरोस्पेस तथा रक्षा इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2024 के अंतर्गत 50 हजार करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। इस नीति के लागू होने के बाद प्रदेश के एक लाख युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा उत्तर प्रदेश को अग्रणी एयरोस्पेस और रक्षा केंद्र बनाने की है। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक समृद्धि के साथ स्वदेशी क्षमताओं और इनोवेशन को गति मिल सकेगी। नई नीति का उद्देश्य यूपी में एयरोस्पेस और रक्षा (ए एंड डी) क्षेत्र को सशक्त बनाना है। इसके अंतर्गत यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर में मजबूत, विश्व स्तरीय, हाईटेक मैन्यूफैक्चरिंग वातावरण बनाना है। आधुनिकतम केंद्र विकसित करने के लिए स्टार्टअप और निवेश को भी आकर्षित किया जाएगा।

डिफेंस कॉरिडोर में स्टार्टअप और एमएसएमई के कौशल और क्षमता विकास के लिए एयरोस्पेस और रक्षा आधारित सामान्य सुविधा केंद्र बनाए जाएंगे। राज्य में प्रमुख रक्षा परियोजनाओं और सार्वजनिक उपक्रमों को आकर्षित करना, अनुसंधान को बढ़ावा देना भी इस नीति का हिस्सा है।

एआई और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर भी बनेंगे
इस नीति के जरिए ए एंड डी सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सॉफ्टवेयर विकास केंद्र बनाए जाएंगे। इस नीति के अंतर्गत ए एंड डी सेक्टर की इकाइयों को फ्रंट एंड सब्सिडी भी दी जाएगी। इसमें जमीन सब्सिडी, स्टैम्प ड्यूटी छूट और पूंजी सब्सिडी भी दी जाएगी। साथ ही परिवहन शुल्क पर छूट जैसी सुविधाएं भी राज्य सरकार देगी। महिला उद्यमियों को इस नीति के जरिये बड़ी राहत दी जाएगी।

एयरोस्पेस तथा रक्षा उत्पादन को दोगुना करने का लक्ष्य
रक्षा मंत्रालय ने देश में 2025-26 तक एयरोस्पेस तथा रक्षा उत्पादन को दोगुना करके 25 अरब डाॅलर और निर्यात के लिए 5 अरब डाॅलर का लक्ष्य रखा गया है। माना जा रहा है कि 2047 तक एयरोस्पेस तथा रक्षा विनिर्माण क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद में 25 प्रतिशत का योगदान होगा। इसे देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने देश में दो रक्षा औद्योगिक गलियारे उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में स्थापित किए हैं।

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