महमूद मदनी ने फलस्तीन को लेकर दिलवाई महात्मा गांधी और पंडित नेहरू की याद

जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने फलस्तीन में जारी खूनी संघर्ष और आवासीय क्षेत्रों पर भारी बमबारी की कड़ी निंदा करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसे तत्काल रोकने की अपील की है। साथ ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस्राइल-फलस्तीन संघर्ष के समाधान में प्रभावी भूमिका निभाने की मांग की है।

सोमवार को जारी बयान में मौलाना महमूद मदनी ने वैश्विक शक्तियों, संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद और वर्ल्ड मुस्लिम लीग आदि से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। मौलाना मदनी ने कहा कि भारत के लोग फलस्तीनियों के साथ हैं। क्योंकि यह लोग पिछले 75 वर्षों से इस्राइल के दमनकारी कब्जे और हिंसा से त्रस्त हैं। इसी वजह से वह आज भी अपनी ही मातृभूमि में कैदियों की तरह रह रहे हैं।

उन्होंने कहा कि निःसंदेह फलस्तीन के लोगों का संघर्ष अपनी मातृभूमि की आजादी और पहले किबला (पहले जिस तरफ रुख करके नमाज पढ़ी जाती थी) को फिर से प्राप्त करने के लिए है। मौलाना महमूद ने कहा कि इस संघर्ष का मूल आधार इस्राइल द्वारा फलस्तीन पर अवैध कब्जा और विस्तारवादी सोच है।संयुक्त राष्ट्र के निर्धारित सिद्धांतों के अनुसार, इसे जल्द से जल्द हल किया जाए। उन्होंने युद्ध की शर्मनाक रिर्पोटिंग करने और अधिकारों की बहाली के लिए लड़ रहे राष्ट्र को आतंकवादी कहने पर चिंता और नाराजगी व्यक्त की। कहा है कि देश के निर्माताओं विशेष रूप से महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने हमेशा फिलस्तीनी फौज का समर्थन किया है।

मौलाना मदनी ने देश के प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा कि वह इस्राइल -फिलस्तीन संघर्ष के समाधान में प्रभावी भूमिका निभाएं और इस्राइल का समर्थन करने के बजाय न्याय की मांग के अनुसार स्थाई शांति की स्थापना और निर्दोष नागरिकों की जान बचाने के लिए अपने प्रभाव का सही उपयोग करें।

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