मथुरा: यमुना खतरे के निशान से 63 सेमी ऊपर, निचले इलाके जलमग्न

मथुरा में यमुना में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इससे नदी तटीय इलाकों व खादर की कॉलोनियों में जलभराव बढ़ता जा रहा है। बुधवार शाम चार बजे प्रयागघाट पर यमुना का जलस्तर 166.63 मीटर दर्ज किया गया, जो कि खतरे के निशान से 63 सेंटीमीटर ऊपर है। इससे पहले मंगलवार शाम जलस्तर 166.23 मीटर था। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए बाढ़ प्रभावित इलाकों को लोगों की चिंता बढ़ गई है। हालांकि प्रशासन का कहना है कि अगले दो दिन में जलस्तर में ठहराव की संभावना है।

तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा जल स्तर

यमुना में करीब तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहे जल ने मथुरा-वृंदावन खादर के साथ ग्रामीण इलाकों में प्रवेश करना शुरू कर दिया है। आठ दिन पहले बाढ़ की चपेट में आई खादर की अधिकांश कॉलोनियों में फिर पानी पहुंच गया है। इससे लोगों में खलबली मची हुई है। मंगलवार शाम चार बजे यमुना का जल स्तर प्रयागघाट पर 166.23 मीटर था, जो बुधवार शाम चार बजे 166.63 हो गया। हालांकि इसमें भी सुबह 10 बजे के बाद तेजी देखी गई है। पानी के इस बहाव को देखते हुए गोकुल बैराज से आगरा के लिए छोड़े जा रहे पानी की मात्रा भी बढ़ गई है। अब 1.13 लाख क्यूसेक पानी आगरा के लिए छोड़ा जा रहा है।

इतना छोड़ा गया पानी

हालांकि ताजेवाला और ओखला बैराज पर पानी की मात्रा में कमी देखने को मिल रही है। प्रात: छह बजे ताजेवाला से यमुना में 39660 क्यूसेक और ओखला से 41578 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। शाम चार बजे तक इन दोनों बैराज से छोड़े जा रहे पानी में मामूली वृद्धि हुई है। माना जा रहा है कि बृहस्पतिवार को यमुना के जलस्तर में ठहराव देखने को मिलेगा। फिलहाल यमुना घाटों के ऊपर बह रही है। विश्रामघाट के आरती स्थल पर पानी घोंटू के करीब पहुंच गया है। स्वामीघाट, बंगाली घाट आदि घाटों के ऊपर यमुना बहती नजर आ रही है।

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