बसपा सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि भाजपा चुनाव में लाभ लेने के लिए टुकड़े-टुकड़े में गंगा एक्सप्रेस वे का शिलान्यास कर रही है जो कि जनता के साथ छल है। जब बसपा सरकार विकास करवाना चाहती थी तो सपा, कांग्रेस व भाजपा ने इसमें अड़ंगा लगाया था।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि बसपा सरकार नोएडा से बलिया तक 8-लेन के गंगा एक्सप्रेस-वे के जरिए दिल्ली को पूर्वांचल से सीधे जोड़कर बाढ़ के साथ-साथ क्षेत्र की गरीबी, पलायन व बेरोजगारी आदि की समस्या को दूर करने का प्रयास कर रही थी लेकिन तब कांग्रेस, भाजपा व सपा इन सभी ने इसमें अड़ंगा लगाया व विरोध भी किया।
इसके बाद यूपी में सपा व और अब भाजपा की डबल इंजन की सरकार के भी 5 वर्ष अर्थात् कुल 10 वर्ष बीतने के बाद अब विधानसभा आम चुनाव के नजदीक गंगा एक्सप्रेस-वे को टुकड़ों में बांटकर इसका शिलान्यास किया गया है। ऐसी स्वार्थी राजनीति से जनता को कब तक छला जाएगा? चुनाव में जन सावधानी जरूरी है।
बसपा बैंकों के निजीकरण की समर्थक नहीं
मायावती बैंकों के निजीकरण पर कहा कि हम इसके समर्थक नहीं है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि बसपा गरीब मेहनतकश जनता का दुख-दर्द समझती है इसीलिए पूंजीपतियों के धन में विकास के बजाय देश की पूंजी में विकास चाहती है ताकि आमजन व देश का भला हो सके। इसी क्रम में सरकारी बैंकों के निजीकरण की समर्थक नहीं, जबकि भाजपा जल्दबाजी करके निजीकरण में ही व्यस्त है जो कि अति दुखद है।
बैंकों के निजीकरण के विरुद्ध 9 लाख बैंक कर्मचारियों द्वारा अपना वेतन कटवा कर भी 16-17 दिसम्बर को की गई दो दिन की देशव्यापी हड़ताल, किसानों के आन्दोलन की तरह, जुझारू व प्रेरणादायी है। सभी को अपने हक के लिए संघर्ष करना होगा। उन्होंने अपील की है कि सरकार बैंकों के निजीकरण पर पुनर्विचार करे।