यूपी में स्कूलों का विलय: प्रदेश के बीएसए कार्यालयों में शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

राज्य में कम नामांकन वाले परिषदीय स्कूलों के एकीकरण (पेयरिंग) के निर्णय के खिलाफ शिक्षक संगठनों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आवाहन पर मंगलवार को प्रदेशभर के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कार्यालयों पर शिक्षकों ने प्रदर्शन किया और सरकार से विलय की प्रक्रिया को तत्काल रोकने की मांग की।

प्रदर्शन के उपरांत शिक्षकों ने जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित 10 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। इसमें पुराने पेंशन योजना की बहाली, विशिष्ट बीटीसी और उर्दू बीटीसी शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ देने, प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की पदोन्नति, 10 लाख रुपये तक का सामूहिक बीमा, प्रोन्नत वेतनमान, अर्जित और अध्ययन अवकाश जैसे मुद्दों को शामिल किया गया।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश कुमार शर्मा ने आरोप लगाया कि शिक्षकों की मांगों की सरकार लगातार अनदेखी कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगों को जल्द नहीं माना गया तो प्रदेशव्यापी धरना-प्रदर्शन और रैलियों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि स्कूलों का विलय बच्चों के शैक्षिक भविष्य को नुकसान पहुंचाएगा और यह निर्णय एक पूरी पीढ़ी को शिक्षा से वंचित कर सकता है।

आम आदमी पार्टी का अभियान कल से

उधर, आम आदमी पार्टी (आप) ने भी परिषदीय विद्यालयों के विलय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी का “स्कूल बचाओ अभियान” 9 जुलाई से जौनपुर जिले से शुरू होगा। पार्टी के राज्य प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह इस अभियान की शुरुआत जौनपुर के सिकरारा क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय मीरगंज के पास जनसंवाद के माध्यम से करेंगे।

संजय सिंह ने कहा कि पार्टी स्कूलों के विलय के मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगी। प्रदेश के किसी भी कोने में यदि कोई विद्यालय बंद किया गया, तो पार्टी गाँव से लेकर जिला स्तर तक संघर्ष करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ी तो इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाया जाएगा। सिंह ने दावा किया कि विद्यालयों में अव्यवस्था और खराब मध्याह्न भोजन व्यवस्था के कारण छात्र स्कूलों से दूर हो रहे हैं, लेकिन सरकार इस पर ध्यान देने की बजाय स्कूलों को बंद कर रही है।

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