23 साल बाद दोषमुक्त हुए सांसद अफजाल अंसारी, संभल की घटना को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

यूपी के गाजीपुर के सपा सांसद और मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी को शनिवार को सीजेएम कोर्ट ने बरी कर दिया. सांसद अफजाल अंसारी पर 23 साल पहले मुहम्मदाबाद विधानसभा में धरना प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ का आरोप लगा था. मामला 2001 में मोहम्मदाबाद तहसील में प्रदर्शन का है. प्रदर्शनकारियों ने तहसील में तोड़फोड़ की थी. इसी मामले में सीजेएम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. ऐसे में आज की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सांसद अफजाल अंसारी और अन्य को बरी कर दिया.

समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव की तरफ से 23 साल पहले 9 अगस्त 2001 को किए गए आह्वान पर प्रदेश बंद कार्यक्रम के दौरान गाजीपुर में सक्रिय सपा नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था. सपा से तत्कालीन विधायक अफजाल अंसारी ने मंडी समिति से सैकड़ों की संख्या में लोगों के साथ जुलूस निकाला. साथ ही भीड़ को लेकर तहसील पहुंचे और मोहम्मदाबाद एसडीएम के कार्यालय पहुंचकर नारेबाजी की.

क्या था आरोप?

जानकारी के मुताबिक नारेबाजी के दौरान इन लोगों ने हंगामा करते हुए तोड़फोड़ की थी. सांसद अफजाल अंसारी ने बताया कि उस वक्त भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी और राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री हुआ करते थे. सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि हम लोग दोष मुक्त कर दिए गए. सभी आरोपों से बरी कर दिए गए.

सांसद अफजल अंसारी ने इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए आज समाजवादी पार्टी के संभल जाने वाले डेलिगेशन को रोक दिए जाने के मामले पर बोलते हुए कहा कि संभल की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण रही. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के चुनाव में जो बड़े पैमाने पर बेईमानी हुई थी, उन घटनाओं से जनता का दिमाग हटाने के लिए पहले इस तरह की स्थिति बनाई गई कि घटना हो और उसके बाद इस तरह की कार्रवाई की गई.

रात में लोगों के घरों में घुसकर किया जा रहा उत्पात

अंसारी ने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव में महिला मतदाताओं को भी पिस्तौल निकाल कर डराया जा रहा था. सरकार चलाने वाले लोग लोकतंत्र का गला घोटना चाह रहे हैं, इस वजह से ही ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया गया. घटना में न जाने कितने लोगों की जान चली गई. दुकान जला दी गई. दिन में मार्च किया जा रहा है रात में लोगों के घरों में घुसकर उत्पात किया जा रहा है. ऐसे में धरातल पर क्या हुआ इसको देखने के लिए जब लोग जा रहे हैं तो उन्हें रोका जा रहा है.

अंसारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जिस तरह से फटकार लगाया है, लेकिन फिर भी बेशर्म लोगों को शर्म तक नहीं आती है और मनमानी करने पर उतारू हैं. यह देश के लोकतंत्र के लिए खतरे का संकेत है. उन्होंने कहा कि आज डेलिगेशन को रोक दिया गया है फिर भी आगे डेलिगेशन जाएगा. आज जो भी अधिकारी है उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ेगा, यह अंतिम सरकार नहीं है इसके बाद भी सरकार आएगी. सत्ता में बैठे हुए लोग कोई स्थाई नहीं है. इनके चढाने पर जो गुनाह और अत्याचार हो रहा है सबका हिसाब होगा.

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