उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के चायल के काजू गांव में मां-बेटे की हत्या के मुख्य आरोपी शनि को देवरिया से गिरफ्तार से कर लिया गया है। वह बिहार भागने की फिराक में था। कौशाम्बी पुलिस की सूचना पर भटनी रेलवे स्टेशन पर बुधवार सुबह आरपीएफ व जीआरपी की टीम ने उसे दबोच लिया। एक आरोपी शांति देवी अभी फरार है।
काजू गांव में संगमलाल के बेटे सरबजीत व पत्नी संगीता की घर में घुसकर सोमवार की रात हत्या कर दी गई थी। हत्यारोपी आरोपी शनि कुमार सरोज और उसकी शांति देवी फरार हो गए। जबकि आरोपी श्रवण सर्विलांस पर था। इसी बीच शनि की लोकेशन वाराणसी से भटनी जा रही ट्रेन में मिली।
चरवा थाना प्रभारी की सूचना पर आरपीएफ निरीक्षक प्रदीप पांडेय, जीआरपी एसओ दिनेश सिंह ने भटनी रेलवे स्टेशन पर घेराबंदी कर शनि को धर लिया। निरीक्षक प्रदीप पांडेय ने गिरफ्तारी पुष्टि की। बताया कि वह बिहार के सिवान जिले में रहने वाले अपने रिश्तेदार के यहां भाग रहा था।
छावनी में तब्दील काजू गांव, गलियों में पसरा सन्नाटा
मां-बेटे की हत्या के बाद से पीड़ित परिवार पूरी तरह से सहमा हुआ है। बुधवार को काजू गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा रहा। बस्ती में पुलिस और पीएसी तैनात है। पीड़ित के घर रिश्तेदार पहुंचकर ढाढस बंधा रहे हैं। काजू गांव का संगमलाल पत्नी और बेटे सरबजीत की हत्या के बाद से टूट गया है। उसने बताया कि मोहल्ले में उसकी बिरादरी का अकेला घर है।

घर के पास की दोनों गलियों में अधिकतर पासी बिरादरी के ही लोग रहते हैं। कुछ दूरी पर तीन से चार घर पाल और यादव समाज के हैं। संगम लाल के अनुसार उनके छोटे बेटे सत्यजीत ने उन्हें बताया कि सोमवार की रात कुल्हाड़ी और गड़ासा लेकर जब उनका दरवाजा पीटा जा रहा था तो किसी ने नहीं रोका। पड़ोसी रोकने की कोशिश करते तो उनके जवान बेटे और पत्नी की जान बच जाती।

सरबजीत की शादी की चल रही थी बात
पिता संगमलाल ने रुंधे गले से बताया कि रिश्तेदारी में ही सरबजीत के शादी की बात चल रही थी। उसकी मां संगीता फोन पर लड़की देखने का जोर दे रही थी। बेटे की शादी को लेकर वह बहुत खुश थी। वह भी घर आकर बहू को देखने की तैयारी भी करने लगे थे। लेकिन कुदरत को मंजूर नहीं था।

बच्चों और व्यापार पर छाया अंधेरा
संगम लाल ने बताया कि घर पर अब 16 वर्षीय छोटा बेटा सत्यजीत और 10 वर्षीय बेटी अर्चना ही बची हैं। उनकी देखरेख करने वाली मां और बड़ा भाई नहीं रहे। खेती भी नहीं है। उनके बड़े भाई पंचम अलग रहते हैं। रिश्तेदारों से रो-रोकर कह रहे थे कि उन्हें सूझ नही रहा है कि बच्चों के पास रहें या मुंबई में। गांव में बच्चों को किसके सहारे छोड़ें।

सत्यजीत को मारने के लिए हुईं दो हत्याएं
सीओ सत्येंद्र तिवारी के मुताबिक, श्रवण ने बताया कि मृत सरबजीत का छोटा भाई सत्यजीत उसकी बहन से अक्सर छेड़खानी करता था। जिस दिन उसकी चप्पल घर पर मिली, उस दिन भाई शनि का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। शनि कुल्हाड़ी लेकर सत्यजीत के घर पहुंचा। पीछे-पीछे श्रवण भी गड़ासा लेकर चल दिया। उन्हें समझाने के लिए मां शांति भी आई, लेकिन वह नहीं मानें। जैसे ही सत्यजीत का दरवाजा खटखटाया तो सरबजीत सामने आ गया।
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शनि ने सत्यजीत के बारे में पूछा, लेकिन वह उससे बात करने के लिए कहने लगा। इस पर शनि ने उस पर हमला कर दिया। वह खून से लथपथ होकर गिर गया। शनि व श्रवण ने देखा कि सत्यजीत अपनी मां संगीता के पीछे छिपने की कोशिश कर रहा है। दोनों भाई आगे बढ़े। जब संगीता ने रोकने की कोशिश की तो उस पर भी दोनों भाइयों ने हमला कर दिया। इस बीच सत्यजीत घर के पीछे की दीवार फांदकर अपने दादा की छत पर चढ़कर भाग निकला।

गड़ासा-कुल्हाड़ी से मां-बेटे को काट डाला
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले से सनसनीखेज खबर सामने आई है। चायल के काजू गांव में सोमवार की रात घर में घुसकर गड़ासा और कुल्हाड़ी से मां-बेटे की हत्या कर दी गई। वारदात की वजह प्रेम प्रसंग बताई जा रही है। मामले तीन लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ है। दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना स्थल का निरीक्षण करने आईजी प्रेम गौतम भी पहुंचे। थानाध्यक्ष समेत तीन पुलिसकर्मी निलंबित किए गए हैं।