जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि देश में जिस तरह के हालात हैं, मुसलमानों को इससे सबक लेना चाहिए। उन्हें अपनी बच्चियों के लिए अलग स्कूल बनाना चाहिए। उन्होंने हिंदुओं को भी ऐसा करने की नसीहत दी। वह हापुड़ में रामपुर रोड स्थित टीवाईक्यू गर्ल्स इंटर कालेज के शिलान्यास समारोह में बोल रहे थे।
मदनी ने सह शिक्षा (को-एजुकेशन) का विरोध करते हुए कहा कि जमीयत उलमा-ए-हिंद ने एक नीति बनाई है। देश के दौलतमंद लोगों से, वो हिंदू हों या मुसलमान, लड़कियों के लिए अलग और लड़कों के लिए अलग स्कूल बनवाने के लिए कहा जाएगा। देश के मौजूदा हालात को देखते हुए लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग शिक्षण संस्थानों का होना बेहद जरूरी है। वरना झगड़े, मारपीट और इस तरह के मामले खड़े होते रहेंगे।
उन्होंने शिक्षण संस्थानों को शिक्षा के साथ मजहबी शिक्षा देने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि मजहबी शिक्षा से बच्चों को यह एहसास होगा कि दुनिया में जो कुछ करेंगे, मौत के बाद उसका हिसाब देना है।
आल इंडिया जमीअतुल कुरैश के राष्ट्रीय अध्यक्ष सिराजुद्दीन कुरेशी ने कहा कि सभी धर्मों की लड़कियों को पढ़ना चाहिए। उन्होंने लड़कियों के लिए एक छात्रावास भी बनाए जाने की सिफारिश की। कार्यक्रम में हाजी यासीन कुरैशी, सहारनपुर के सांसद फजलुर्रहमान, मुरादाबाद सदर विधायक नासिर कुरैशी, पूर्व विधायक गजराज सिंह, विजय गोयल, अशोक शर्मा, सैय्यद अयाजुद्दीन लोग मौजूद रहे।