मुजफ्फरनगर में शनिवार को आयोजित हुई राष्ट्रीय लोक अदालत में 3.3 लाख से अधिक मुकदमे आपसी बातचीत और सुलह समझौते से निपट गए। बैंक ऋण के मुकदमों का निपटारा करते हुए 16 करोड़ 70 लाख का सेटलमेंट कराया गया। जबकि एक्सीडेंटल मामलों में पीड़ितों को 7 करोड़ से अधिक के क्लेम का भुगतान कराया गया।
शनिवार को दीवानी न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। नोडल अधिकारी एवं एडीजे 7 शक्ति सिंह ने बताया कि जिला जज चमन प्रकाश ने राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि जिला जज ने जानकारी दी कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य वादकारियों को सरल सुलभ एवं त्वरित न्याय प्रदान कराना है।
राजस्व के 19315 मामले निपटाए गए
एडीजे शक्ति सिंह ने कहा कि न्याय सबके लिए की परिकल्पना को चरितार्थ करते हुए राष्ट्रीय लोक अदालत में शनिवार को 326908 मामलों का निस्तारण किया गया। उन्होंने बताया कि डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगाली के नेतृत्व में राजस्व अधिकारियों ने 19315 मामलों का निस्तारण कराया। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी मलखान सिंह ने 118 मामलों का निस्तारण करा कर 7 करोड़ से अधिक की धनराशि क्लेम के रूप में दिलाई।
7 साल से उलझा विवाद मिनटों में निपटा
परिवार न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश सत्यानंद उपाध्याय की अध्यक्षता में इस 152 मामले निपटाए गए। सिविल जज सीनियर डिवीजन सलोनी रस्तोगी के न्यायालय में उत्तराधिकार को लेकर परिवार के लोगों में 7 साल से विवाद चल रहा था। वादकारी 100 से अधिक तारीखें भुगत चुके थे। बुढ़ाना तहसील के गांव कमरुद्दीननगर में दो भाइयों शैलेंद्र और महेंद्र के बीच विवाद था। राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत आपसी समझौते से विवाद का निपटारा किया गया।