मीरापुर। ग्राम मुझेडा में ग्रामीण मसीहा संस्थान की 30 करोड रूपये की सम्पत्ति को कूटरचित दस्तावेज तैयार कर राजकीय अभिलेखो में दर्ज कराने के आरोप में पुलिस ने चार आरोपियों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है। यह संस्था क्षेत्र में ईसाइयों के स्कूल के नाम से प्रसिद्ध थी।
ग्राम मुझेडा थाना मीरापुर में ग्रामीण मसीहा संस्थान के द्वारा एक शिक्षणसंस्थान की स्थापना दो दशक पूर्व करायी गयी थी, जो ईसाइयों के स्कूल के नाम से प्रसिद्ध थी। कुछ गम्भीर विवादों के चलते शिक्षण संस्था को संचालको द्वारा बन्द करा दिया गया था तभी से यह संस्था बन्द चल रही है। बन्द पडी संस्था की करोडों रूपये की सम्पत्ति को कब्जाने के लिये कुछ लोगों ने कूट रचित दस्तावेज तैयार कराकर भूमि को राजकीय अभिलेखों में दर्ज करा लिया । अभिलेखो में दर्ज करायी गयी सम्पत्ति का मूल्य लगभग 30 करोड रूपये बताया गया है।
संस्था के पदाधिकारी सरमेन्द्र निर्गमन अजय पुत्र फिरोजपाल निवासी ग्राम समेरा, थाना खंदोली, जिला आगरा को जब इस मामले का पता चला तो उन्होने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव को इस मामले से अवगत कराया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर क्षेत्राधिकारी जानसठ शकील अहमद ने जांच पडताल कर थानाध्यक्ष मीरापुर को चार आरोपियों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये। पुलिस ने प्रकाश मसीह पुत्र सरदार मसीह निवासी हाउसिंग कालोनी रंजीत अवेन्यू सी ब्लाक अमृतसर पंजाब, नायाब खान पुत्र गुलाम रसूल खान निवासी नजर कालोनी मुजफ्फरनगर, फैजान खान पुत्र मेहरबान निवासी मौहल्ला मुश्तर्क, मीरापुर, शैलेन्द्र गुप्ता दस्तावेज लेखक जानसठ के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है। गौरतलब है कि इस बंद पडी संस्था को कब्जाने के लिये भूमाफियाओं की गिद्ध दृष्टि काफी दिनों से थी। भूमाफियाओं ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कराकर भूमि को हड़पने का प्रयास किया था लेकिन संस्था के पदाधिकारी को भनक मिलने पर उनकी योजना सफल नहीं हो सकी।