श्रद्धानंद सरस्वती के बलिदान दिवस पर आर्य समाज ने स्मृति यज्ञ किया

मुजफ्फरनगर। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, आर्य सन्यासी स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती के बलिदान दिवस पर आर्य समाज ने स्मृति यज्ञ किया। आचार्य गुरुदत्त आर्य ने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद महान राष्ट्रभक्त सन्यासी थे। धर्मांतरण के खिलाफ उन्होंने देश में शुद्धि आंदोलन चलाया था।
संतोष विहार में वैदिक संस्कार चेतना केंद्र पर आयोजित बलिदान स्मृति यज्ञ में आहुतियां अर्पित कर अमर हुतात्मा स्वामी श्रद्धानंद को नमन किया गया। आचार्य गुरुदत्त आर्य ने कहा कि हिंदुओं के धर्मांतरण को रोकने के लिए स्वामी जी ने शुद्धि आंदोलन का नेतृत्व किया। ऋषि दयानंद की शिक्षाओं का प्रसार किया। उनका जीवन स्वाधीनता, स्वराज, शिक्षा, वैदिक धर्म के प्रचार को समर्पित था। आरपी शर्मा ने कहा कि हरिद्वार में गुरुकुल कांगड़ी की स्थापना राष्ट्र को स्वामी श्रद्धानंद की अमूल्य देन है।

किसान मसीहा, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर उनके आदर्शों, नैतिक मूल्यों पर चलने का संकल्प लिया गया। इस मौके पर पूर्व प्रधानाचार्य विजय कुमार कुश, गजेंद्र राणा, राकेश ढींगरा, सहदेव सिंह, डॉ. सतीश आर्य ने विचार रखे। यज्ञ ब्रह्म मंगत सिंह आर्य रहे। राजवीर सिंह, सोमपाल आर्य, डॉ. नीरज शास्त्री, राजेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे। उधर, गांधी कालोनी स्थित आर्य समाज मंदिर में यज्ञ वेदी पर स्वामी श्रद्धानंद को श्रद्धांजलि दी गई। इंद्रपाल सिंह आर्य ने कहा कि स्वामी जी ने वैदिक धर्म की रक्षा को प्राणों की आहुति दी। प्रधानाचार्य अविनाश त्यागी ने कहा कि उन्होंने भारत की संगठित किया। वेदपाठ संगीता आर्या ने किया। राकेश ढींगरा भूप सिंह आर्य, अशोक राठी, देवेंद्र राणा, तिलक राम, जय सिंह धीमान, गजेंद्र राणा ने भावपूर्ण स्मरण किया।

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