शाहपुर। जैन धर्म में भाद्रपद माह का विशेष महत्व है। इसी माह में मनाया जाने वाला पर्युषण महापर्व जैन अनुयायियों के लिए सबसे बड़ा और पवित्र पर्व माना जाता है। इस अवसर पर जैन धर्मावलंबी व्रत, उपवास, संयम साधना, स्वाध्याय, दान और धार्मिक आयोजन करते हैं।
इसी क्रम में कस्बे के जैन मोहल्ला स्थित जैन स्थानक पर आठ दिवसीय आध्यात्मिक शिविर चल रहा है, जिसकी शुरुआत पिछले बुधवार से हुई। शिविर में समाज से जुड़े स्वाध्यायी जैन ग्रंथ ‘अनंतगड़ सूत्र’ का अध्ययन कर रहे हैं। इसमें पर्युषण पर्व के साथ-साथ धर्म और अध्यात्म से संबंधित विभिन्न विषयों की जानकारी दी जा रही है।
स्वाध्यायी नितिन जैन ने बताया कि श्वेतांबर परंपरा के अनुसार पर्युषण पर्व आठ दिन तक चलता है और इसका अंतिम दिन संवत्सरी पर्व कहलाता है। इस दिन जैन अनुयायी त्याग, तपस्या और दान-धर्म में विशेष रूप से लीन रहते हैं।
स्वाध्यायी संजीव जैन ने कहा कि पर्युषण पर्व आत्मशुद्धि और क्षमा का संदेश देता है। इस दिन अनुयायी मन, वचन और काया से हुई भूलों के लिए क्षमा याचना करते हैं। यह पर्व ईर्ष्या और क्रोध जैसी बुराइयों को त्यागकर जीवन में मैत्री और सद्भावना स्थापित करने की प्रेरणा देता है।
शिविर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सतीश जैन, अमित जैन, राजेंद्र जैन, पंकज जैन, नितिन जैन, अमन जैन, संयम जैन, अक्षय जैन, शुभम, पारस, हर्षित, सात्विक, अनंत सहित सैकड़ों पुरुष, महिलाएं और बच्चे उपस्थित रहे।