चरथावल (मुजफ्फरनगर)। ज्ञानामाजरा रोड़ान गांव में हुई ह्दय विदारक घटना से हर कोई स्तब्ध और हैरान है। रुपये की मांग पूरी नहीं करने पर पिता की हत्या को अंजाम देने में बेटे के जरा भी हाथ नहीं कांपे, बूढ़ी मां चिल्लाती रही, पर बेटे के सिर पर खून सवार था। उसके पास घटना के वक्त चिल्लाने और रोने बिलखने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। पड़ोसी आए, लेकिन आरोपी ने उन्हें धमकाकर भगा दिया।
गुलाब सिंह पत्नी अतर कली के संग पेंशन के सहारे जीवन बीता रहे थे। उनके साथ उनका छोटा बेटा अमरदीप रहता था। परिवार की आर्थिक हालत कमजोर थी। उनके पास पांच बीघा जमीन है। बड़ा बेटा तरसेम सिंह थानाभवन में किराए के मकान लेकर परिवार सहित रहता है। वह पेंटर के कार्य से आजीविका चलाता है।
दूसरी ओर अमरदीप की शादी नहीं हुई थी। उसके उत्पीड़न से आजिज आकर ज्यादातर बूढ़े मां-बाप थानाभवन बड़े बेटे तरसेम के पास रहते थे। करीब एक महीने पहले ही वह गांव वापस आए थे। पुलिस को वादी ने बताया कि उनके पिता पेंशन में से कई बार आरोपी को रुपये दे चुके थे, लेकिन नशे की लत के कारण वह कोई काम नहीं करता था। जिससे घर में तनाव रहता था और आए दिन माता-पिता को तंग परेशान करता रहता था। घटना के बाद ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना देने में ढाई घंटे लगा दिए। पुलिस ने मौके पर पहुंचने के बाद भीड़ को करीब 100 मीटर पहले ही रोक दिया था।
देश के लिए लड़ी थी तीन लड़ाई
घटना के वादी ने बताया कि गुलाब सिंह ने फौज में रहते हुए 1962, 1965 और 1971 में देश की तरफ से दुश्मनों से मुकाबला किया था। सेवानिवृत्ति के बाद वे दुर्घटना में एक पैर से दिव्यांग हो गए थे।