मुजफ्फरनगर। पाकिस्तान में हुए नरसंहार का वीडियो मुरादाबाद का बताकर व्हाट्सएप ग्रुपों में वायरल करने के आरोपी को अदालत से राहत नहीं मिली। प्रभारी सेशन न्यायाधीश रविकांत ने आरोपी फुरकान की जमानत अर्जी ठुकराते हुए कहा कि ऐसे वीडियो सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और समाज में गंभीर तनाव पैदा करने की क्षमता रखते हैं।
मामला कांवड़ यात्रा के दौरान सामने आया था। पुलिस और एटीएस साइबर निगरानी कर रही थी, तभी ककरौली थाना क्षेत्र में वीडियो वायरल करने की साजिश पकड़ी गई। 21 जुलाई को कई आरोपियों को गिरफ्तार कर साजिश विफल कर दी गई। इसके बाद 27 जुलाई को बुढ़ाना क्षेत्र के गांव जौला निवासी फुरकान को दबोचा गया।
जांच में सामने आया कि फुरकान के मोबाइल से 21 से 24 जुलाई के बीच छह अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुपों में यह भड़काऊ वीडियो शेयर की गई थी। इन ग्रुपों में करीब 2500 लोग जुड़े थे। अदालत ने इस अपराध को गंभीर प्रवृत्ति का मानते हुए उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी।