मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी चन्द्र भूषण सिंह ने शासकीय अधिवक्ताओं को कडे निर्देश दिये कि आपराधिक प्रवृत्ति के लोग सलाखों के पीछे नजर आने चाहिये। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी प्रकार के वादों में प्रभावी पैरवी करें सभी बदमाश व अपराधिक प्रवृति के गुण्डा तत्व जेल में होने चाहिए। उन्होंने कहा कि शासकीय अधिवक्ता वाद की तिथि से पूर्व अपने केसों की भली प्रकार अध्ययन अवश्य करें तथा अपने गवाहों पर भी नजर रखें, गवाह किसी के बहकावे या लालच में ना आयें और उन्होंने कहा कि गुडा एक्ट, पोक्सो एक्ट, गैंगस्टर आबकारी वादों सहित गंभीर अपराधों में दर्ज अपराधी को सख्त सजा दिलाये।
जिलाधिकारी चन्द्र भूषण सिंह आज जिला पंचायत सभागार में अभियोजन प्रक्रिया के कार्यों की समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने शासकीय अधिवक्ताओं को निर्देशित किया कि जिनके पास अधिक वाद है, उनको कम से कम दस वादो को प्राथमिकता पर ले कर निस्तारण कराया जाये। ऐसा करने पर अपराधियों को समय से सजा भी करायी जायेगी और जनपद की प्रगति मे भी तेजी आयेगी और उन्होंने कहा कि अपराधियों की किसी भी स्तर पर जमानत न होने दी जाये येे तभी सम्भव है, जब वादों की प्रभावी पैरवी होगी। उन्होंने कहा कि आपराधिक तत्वों को अधिकाधिक सजा दिलवाये ताकि अन्य लोगों को एक संदेश मिले और वे अपराध करने से डरे। उन्होंने कहा कि सभी प्रकार के वादों में गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित कराई जाये।
उन्होंने निर्देश दिये कि मुकदमें में सरकारी गवाह की गवाही प्रत्येक दशा में कराई जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि कोर्ट में जाने से पहले अधिवक्ता केस डायरी का भलीभांति अध्ययन कर ले इससे केस की पैरवी में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि अभियोजन प्रक्रिया को और अधिक चुस्त दुरूस्त व व्यवहारिक बनायें ताकि आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को कठोर सजा दिलाई जा सके तथा अन्य अपराधिक तत्वों में दहशत बनी रहे। जिलाधिकारी ने कहा कि गम्भीर वादों के सम्बंध में यदि कोई समस्या आती है, तो सम्पर्क किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सम्बंधित थानों से भी सम्पर्क कर वादों के निस्तारण में सहयोग लिया जा सकता है, हर स्थिति में बदमाश व गुण्डा तत्व जेल में नजर आने चाहिये। बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित सिंह, एसपी सिटी, अभियोजन अधिकारी शासकीय अधिवक्ता उपस्थित थे।