मुजफ्फरनगर। पुरकाजी क्षेत्र में विद्युत निगम की ओर से चलाए गए विशेष अभियान में बिजली चोरी का बड़ा खुलासा हुआ है। निगम की लैब में परीक्षण के दौरान 21 संदिग्ध मीटरों की जांच की गई, जिनमें 11 मीटर में छेड़छाड़ पाई गई। जांच में सामने आया कि उपभोक्ताओं ने मीटर के पिछले हिस्से में छेद कर भीतर तार का टुकड़ा डाल रखा था। इससे बिजली की आपूर्ति तो दिख रही थी, लेकिन वास्तविक खपत दर्ज ही नहीं हो रही थी।
निगम अधिकारियों का कहना है कि इन उपभोक्ताओं पर करीब 12 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया जा सकता है। औसतन एक उपभोक्ता पर लगभग 60 हजार रुपये का आर्थिक दंड प्रस्तावित है।
गौरतलब है कि करीब एक सप्ताह पहले एसडीओ और अवर अभियंता की टीम ने 44 घरों में छापेमारी की थी। उस दौरान 21 संदिग्ध मीटर उतारकर जांच के लिए लैब भेजे गए थे। नए मीटर उपभोक्ताओं को उपलब्ध करा दिए गए थे। जांच में यह तथ्य सामने आया कि मीटर की सील तो सुरक्षित थी, लेकिन पीछे से छेड़छाड़ कर तीन से छह इंच लंबा तार लगाया गया था, जिससे रीडिंग रुक गई थी।
मुख्य अभियंता पवन कुमार अग्रवाल ने बताया कि सभी मामलों में मुकदमा दर्ज है और दोषी पाए जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा। बाकी बचे 10 मीटरों की रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई और स्पष्ट हो जाएगी।