मुजफ्फरनगर। नगर पालिका चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के नेतृत्व में मौजूदा बोर्ड को ढाई वर्ष का समय पूरा हो चुका है, बावजूद इसके नगर पालिका की सात महत्वपूर्ण स्थायी समितियों का गठन अब तक नहीं हो पाया है। इससे पालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि बिना समितियों के कई प्रशासनिक और विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, पूर्व एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह ने नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि पालिका अधिनियम के तहत निर्धारित समितियों का गठन शीघ्र किया जाए। वहीं, इस मुद्दे को सांसद हरेन्द्र मलिक ने भी गंभीरता से लिया और जिलाधिकारी को पत्र भेजकर गठन प्रक्रिया में तेजी लाने का अनुरोध किया था। लेकिन बावजूद इसके कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी।
नगर पालिका में कुल सात अहम समितियाँ होती हैं, जिनमें टैक्स समिति, जलकल समिति, स्वास्थ्य समिति, स्ट्रीट लाइट समिति, वित्त समिति, निर्माण समिति और कन्या इंटर कॉलेज समिति शामिल हैं। इन समितियों के माध्यम से नगर पालिका के विभिन्न विभागीय कार्यों की निगरानी और सुचारु संचालन सुनिश्चित किया जाता है। प्रत्येक समिति में अध्यक्ष और सदस्य नामित किए जाते हैं, ताकि कार्यों में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व बना रहे।
सांसद हरेन्द्र मलिक द्वारा भेजे गए पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा 104 से 109 के अंतर्गत इन समितियों का गठन आवश्यक है, ताकि जनहित एवं प्रशासनिक ईमानदारी की दिशा में ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत पालिका संचालन में पारदर्शिता आ सके।
सूत्रों की मानें तो एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह के तबादले के बाद समिति गठन की प्रक्रिया ठप्प पड़ी हुई है। अब देखना यह है कि संबंधित प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस मामले को कितनी प्राथमिकता देते हैं और कब तक नगर पालिका की समितियों का गठन सुनिश्चित हो पाता है।