मुजफ्फरनगर में किसान की सदमे से हुई मौत

मुजफ्फरनगर में 50 हजार की जमानत धनराशि कोर्ट में जमा न करा पाना एक गरीब किसान की मौत का कारण बन गया। जमानत धनराशि जमा कराने में नाकाम रहने वाले किसान की तहसील से रिकवरी जारी हुई थी। जिसके बाद किसान के नाम 10 बीघा जमीन की नीलामी कर रुपया वसूलने की घोषणा की गई। मंगलवार को तहसील की और से गांव में मुनादी कराते हुए गुरुवार को नीलामी का ऐलान किया गया था। भूमि नीलामी के सदमे में आए किसान की गुरुवार को खेत पर ही मौत हो गई। जिसको लेकर रालोद सहित किसान संगठनों में रोष है।

किसान की सदमे से मौत का पूरा मामला

सदर तहसील क्षेत्र के गांव लछेड़ा निवासी 60 वर्षीय किसान वेद सिंह पुत्र मुंशी कश्यप ने एक अपराधी की जमानत ले ली थी। अपराधी के फरार होने पर कोर्ट से उसके जमानतदार के वारंट जारी हुए थे। जिसके बाद सदर तहसील से वेद सिंह के नाम 50 हजार रुपये की रिकवरी जारी की गई थी। वेद सिंह के पास 10 बीघा पैतृक भूमि है। जिससे वह अपने 4 बच्चों का पेट पाल रहा था। स्वजन के अनुसार 26 अप्रैल को सदर तहसील की और से गांव में वेद सिंह के नाम 10 बीघा भूमि की नीलामी गुरुवार को कराए जाने की मुनादी पिटवाई गई थी। तब से ही वेद सिंह बहुत दुखी था। गुरुवार को जमीन की नीलामी होनी थी। दुखी वेद सिंह सुबह ही खेत पर चला गया था। जहां करीब 2 बजे अन्य किसानों को वह मृत मिला। स्वजन का कहना है कि वेद सिंह की मौत सदमे के चलते हुई है।

5 दिन बाद थी वेद सिंह की बेटी की शादी

स्वजन के अनुसार 26 अप्रैल को गांव में जमीन नीलामी की मुनादी कराई गई थी। वेद सिंह ने तहसील अधिकारियों से बेटी की शादी तक रुकने का अनुरोध किया था। 5 दिन बाद वेद सिंह की बेटी की शादी थी। लेकिन तहसील से नीलामी प्रक्रिया में कोई छूट न मिल पाने के चलते वेद सिंह सदमे में आ गया था। उसे अन्य घरवालों ने भी समझाया था कि चिंता न करे। लेकिन मुनादी पिटने के बाद वेद सिंह की स्थिति सामान्य नहीं हो रही थी।

रालोद नेताओं ने की मुआवजे की मांग

भूमि निलामी घोषणा से आहत किसान की मौत के बाद मामला गर्मा गया। रालोद नेताओं ने गांव लछेड़ा पहुंचकर जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि वह करोड़ो के बकायादारों के लिए तो नरमी बरत सकता है, लेकिन गरीब किसानों की जान उनके लिए बिल्कुल भी मायने नहीं रखती। रालोद के पूर्व प्रदेश सचिव सुीधीर भारती का कहना है कि वह गांव में किसान के आवास पर मौजूद हैं। उनकी मांग है कि इस घटना के जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के साथ ही मृतक किसान के स्वजन को उचित मु़आवजा दिया जाए।

एसडीएम सदर व पुलिस ने डाला लछेड़ा में डेरा

किसान की मौत के बाद एसडीएम सदर परमानंद झा तथा अन्य तहसील कर्मी गांव लछेड़ा पहुंच गए। रालोद तथा अन्य किसान संगठनों के मौके पर पहुंचने के चलते माहौल में गर्माहट नजर आने लगी। जिसके मद्देनजर एसओ थाना मंसूरपुर तथा आसपास का पुलिस फोर्स मौके पर तैनात कर दिया गया। मृतक किसान के स्वजन ने बेटी की शादी में आर्थिक मदद तथा मुआवजा की घोषणा एवं जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होने तक शव के अंतिम संस्कार से इंकार कर दिया।

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