मुजफ्फरनगर जेल में लाइब्रेरी-वाटिका की मनाई गई पहली वर्षगांठ

मुज़फ्फरनगर जिला जेल में निरुद्ध बंदियों के लिये स्‍थापित कराई गई लाइब्रेरी और वाटिका का 1 वर्ष पूर्ण होने पर वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया। पहली वर्षगांठ पर वार्षिकोत्‍सव बड़े धूमधाम से मनाया गया। जिसका उद्घाटन सीजेएम और जेल अधीक्षक ने किया।

मुजफ्फरनगर जिला जेल में निरुद्ध बंदियों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने के लिये गत वर्ष लाइब्रेरी और वाटिका की स्‍थापना की गई थी। जिसका उद्घाटन दूर दराज से आए साधु संतों ने किया था। लाइब्रेरी स्‍थापना को एक वर्ष पूर्ण हो गया तो इसी को लेकर जिला जेल में जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा की देखरेख में पूजा-अर्चना कर वाटिका और लाइब्रेरी की पहली वर्षगांठ मनाई गई। लाइब्रेरी में प्रतिदिन 150 के करीब धार्मिक किताबें बंदियों को पढ़ने के लिए जारी होती है। जिन्हें पढ़कर बंदी और कैदी अपना ज्ञान बढाते हैं और अपना मानसिक विकास कर अपने में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। जिससे बंदियों में सकारात्मकता विचार उत्पन्न हों और जेल से बाहर आने के बाद वे भी अच्छा जीवन जी सकें। इसी को लेकर लाइब्रेरी की पहली वर्षगांठ भी मनाई गई।

धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं
जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बताया कि जेल में निरुद्ध बंदियों के लिए लाईब्रेरी, कंप्‍यूटर शिक्षा, व्‍यायाम और अन्‍य सुविधाओं की व्‍यवस्‍था की गई है। बंदियों को पढ़ाने के लिए शिक्षक भी रखे हुए हैं। बंदियों की दिनचर्या बेहतर बनाने के लिए भी जेल में समय-समय पर खेलकूद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है। उनके लिए धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।

सीताराम शर्मा ने बताया कि बंदियों में इन कार्यों से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, स्‍वास्‍थ्‍य बेहतर बना रहता है। नए विचार उत्पन्न होते हैं। उन्‍होंने दावा किया कि पहले की अपेक्षा अब बंदी जिला कारागार में अच्छा व्यवहार करते हैं। जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बताया कि उनका मुख्य उद्देश्य कारागार में निरुद्ध बंदियों को बाहर के जीवन के लिये आत्मनिर्भर बनाना है।

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