मुज़फ्फरनगर। जिले में फर्जी बिल और बोगस कंपनियों का जाल लगातार गहराता जा रहा है। इसी कड़ी में शहर के नामी उद्योगपति और सर्वोत्तम स्टील फैक्ट्री के निदेशक संजय जैन पर बड़ा खुलासा हुआ है। माल एवं सेवाकर खुफिया महानिदेशालय (DGGI) ने जांच में पाया कि उन्होंने अपने सहयोगी के साथ मिलकर फर्जी बिल तैयार कर लगभग 29 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की है।
मेरठ रोड स्थित इस फैक्ट्री में सरिया आदि का निर्माण होता है। जीएसटी में गड़बड़ी के संदेह पर DGGI यूनिट ने निदेशक संजय जैन को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया। इसी दौरान उनके सहयोगी, भरतीया कॉलोनी निवासी आशुतोष कुमार के घर पर छापेमारी की गई, जहां से टीम को मोबाइल, लैपटॉप और पेन ड्राइव मिले। डिवाइस की जांच में फर्जी बिल बनाने और विभिन्न जिलों में माल सप्लाई करने का खेल उजागर हुआ। जिन उद्यमियों को माल भेजा गया था, उनके ई-वे बिल और सप्लाई बिल भी गलत पाए गए।
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि जुलाई 2022 से जनवरी 2024 के बीच लगभग 29 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की गई। मेरठ में कार्रवाई पूरी करने के बाद DGGI ने संजय जैन को गिरफ्तार कर विशेष सीजीएम कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
गौरतलब है कि 5 दिसंबर 2024 को DGGI यूनिट देहरादून ने राना स्टील फैक्ट्री और सर्वोत्तम रोलिंग मिल में भी जांच की थी।
तीन माह में 14 बोगस फर्म बेनकाब
राज्य वस्तु एवं सेवाकर विभाग की हालिया जांच में जिले में पिछले तीन महीनों के दौरान 14 फर्जी कंपनियां पकड़ी गई हैं। इनमें से चार कंपनियों के खिलाफ मीरापुर, नई मंडी और खालापार थानों में जीएसटी चोरी के मुकदमे दर्ज हुए हैं। इन चारों ने मिलकर लगभग 8–10 करोड़ रुपये की कर चोरी की है। एसआईबी यूनिट के संयुक्त आयुक्त सिद्धेश चंद्र दीक्षित के अनुसार, राज्य और केंद्रीय पोर्टल पर पंजीकृत सभी फर्मों की गहन छानबीन की जा रही है।