मुजफ्फरनगर में डाक कांवड़ की रफ्तार ने ली एक जान, 68 श्रद्धालु घायल

मुजफ्फरनगर। शिवरात्रि से पहले जिले में तेज रफ्तार डाक कांवड़ यात्रियों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। सोमवार रात से मंगलवार तक जिले भर में अलग-अलग स्थानों पर हुए सड़क हादसों में एक कांवड़ यात्री की मौत हो गई, जबकि करीब 70 से अधिक श्रद्धालु घायल हुए हैं।

तेज रफ्तार और वाहन टकराव बने हादसों का कारण

मंगलवार को जिले की भूराहेड़ी सीमा से लेकर मेरठ व शामली की सीमाओं तक हाईवे पर डाक कांवड़ियों की बाइक और अन्य वाहन दौड़ते नजर आए। इसी दौरान मुजफ्फरनगर के खतौली क्षेत्र में एक अज्ञात वाहन की टक्कर से दिल्ली निवासी हंसराज (39) की मौत हो गई।

हंसराज दिल्ली के रघुवीर नगर स्थित जे.जे. कॉलोनी का निवासी था और परचून की दुकान चलाता था। वह हरिद्वार से गंगाजल लेकर बाइक से लौट रहा था, तभी सुबह करीब 5 बजे नेशनल हाईवे बाईपास पर एक रेस्टोरेंट के पास सामने से आए वाहन ने उसे टक्कर मार दी। गंभीर रूप से घायल हंसराज को सीएचसी ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने जेब से मिले आधार कार्ड से पहचान कर परिजनों को सूचना दी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

दर्जनों श्रद्धालु घायल, कई को रेफर किया गया

खतौली में अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में मेरठ, दिल्ली और हरियाणा के कांवड़ यात्री घायल हुए। घायलों में मेरठ के ब्रह्मपुरी निवासी राहुल, रेवाड़ी के नवीन कुमार, दिल्ली के रितेश कुमार, भूलाटेन पटेल, फलझड़िया देवी और जतिन शामिल हैं। प्राथमिक इलाज के बाद चार घायलों को बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया।

वहीं पुरकाजी क्षेत्र में दिल्ली-देहरादून हाईवे पर कई बाइकें आपस में टकरा गईं, जिससे दिल्ली, हरियाणा, बलिया और आसपास के क्षेत्रों के कुल 32 कांवड़ यात्री घायल हुए। इनमें देवेंद्र, झिलमिल, सुनीता, सन्नी, तुषार, आशीष, अर्जुन, अभिषेक और अजीत गुप्ता प्रमुख हैं। गंभीर रूप से घायल नीलम, हर्ष और दीपक को जिला अस्पताल रेफर किया गया है।

बीमार कांवड़ियों को भी मिला उपचार

सड़क दुर्घटनाओं के अलावा कई कांवड़ियों को बीमारियों के चलते भी जिला अस्पताल लाया गया। इनमें दिल्ली के दिव्यांग श्रद्धालु पुषांत को मिर्गी का दौरा पड़ने पर पुरकाजी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से उसे उच्च केंद्र के लिए रेफर कर दिया गया।

सीएमओ ने किया निरीक्षण, दिए निर्देश

सीएमओ डॉ. सुनील तेवतिया ने मंगलवार को जिला अस्पताल के आपातकालीन कक्ष का निरीक्षण किया और भर्ती कांवड़ियों की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने चिकित्सकों को निर्देशित किया कि किसी भी दुर्घटना या आपात स्थिति में श्रद्धालुओं को प्राथमिकता से उपचार दिया जाए और कोई भी लापरवाही न बरती जाए।

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