मुजफ्फरनगर। माता वैष्णो देवी की पावन यात्रा पर गए श्रद्धालुओं का घर लौटना खुशियों से नहीं, बल्कि मातम और गम लेकर आया। 26 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के कटरा में हुए भूस्खलन हादसे ने दक्षिणी रामपुरी के कई घरों में उजाला छीन लिया। बुधवार सुबह जब घायल यात्री घर लौटे, तो पूरे मोहल्ले में रोने-बिलखने की आवाजें गूंज उठीं।
25 अगस्त को मुजफ्फरनगर के मोहल्ला दक्षिणी रामपुरी से धर्मवीर प्रजापति के नेतृत्व में प्रजापति समाज के चार परिवारों के 23 लोग जम्मू तवी एक्सप्रेस से माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए निकले थे। लेकिन 26 अगस्त को कटरा में बाणगंगा और अर्धकुमारी के बीच अचानक हुए भूस्खलन ने इस यात्रा को हादसे में बदल दिया।
इस घटना में छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में दो मासूम भाई—10 वर्षीय अनंत और 8 वर्षीय दीपेश (अजय कुमार प्रजापति के पुत्र), मां-बेटियां—रामबेरी (पत्नी इंद्रपाल) व 22 वर्षीय अंजलि (पुत्री इंद्रपाल), मंताश उर्फ ममता (पत्नी रविंद्र सिंह) और उनकी 16 वर्षीय बेटी आकांक्षा शामिल हैं।
बुधवार सुबह गंभीर रूप से घायल अजय प्रजापति, धर्मवीर प्रजापति और अजय की 6 वर्षीय बेटी पूर्वी सहित अन्य श्रद्धालु घर लौटे। उन्हें देखकर पूरे मोहल्ले में कोहराम मच गया। अजय की पत्नी मोनिका, जिन्होंने दोनों बेटों को खो दिया, बच्चों की तस्वीरें सीने से लगाकर रोती रहीं।
घटना ने न केवल छह ज़िंदगियों को निगल लिया, बल्कि पूरे समाज के दिलों में गहरे ज़ख्म छोड़ दिए हैं। पीड़ित परिवारों को सांत्वना देने के लिए मोहल्ले में भारी भीड़ उमड़ी और पूरा क्षेत्र गमगीन माहौल में डूब गया।