उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के युवाओं को सरकारी नौकरी में अधिक सहभागिता मिले और वह गांव में बैठकर ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर सकें। इसके लिए जिले के सौ गांवों में पुस्तकालय बनाएं जा रहे हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने ये बीड़ा उठाया है। शुरुआत वह अपने गांव कुटबा से ही कर रहे हैं।
केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने कुटबा का अपना पैतृक घर पुस्तकालय के लिए देने का निर्णय लिया है। उन्होंने जिले के सौ गांवों में पुस्तकालय बनाने का निर्णय लिया है। इन पुस्तकालयों में वह गांव के लोगों, सामाजिक संस्थाओं और ग्राम पंचायतों का सहयोग भी लेंगे।
इन पुस्तकालयों में प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी पुस्तकों की व्यवस्था मुख्य रूप से होगी। लक्ष्य यह है कि गांव के आर्थिक रूप से कमजोर युवा अपने ही गांव में तैयारी कर सकें। सरकारी और अन्य नौकरियों में यहां के युवाओं को अधिक से अधिक मौका मिल सके।
केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने बताया कि हमने जिन सौ गांवों में पुस्तकालय बनाने का निर्णय लिया है, इनमें ऐसे लोगों से नि:शुल्क जगह ली जाएगी जो साधन संपन्न है। बाहर नौकरी कर रहे हैं और गांव का मकान खाली है। सर्व समाज के लाभ के लिए सहयोग मांगा जाएगा। ग्राम पंचायतों से भी सहयोग लिया जाएगा।
सामाजिक संस्थाओं और अपने निजी संबंधों से भी पुस्तकें एकत्र की जाएगी। मेरा पूरा प्रयास है कि जिले में प्रतिस्पर्धा का माहौल बने। हमारे लड़के-लड़कियां अच्छी नौकरियां पाने में सफल हों। योजना पर बहुत ही जल्द और तेजी के साथ काम शुरू होने जा रहा है।