कार्तिक गंगा स्नान मेले की वजह से उपचुनाव की तिथियां बदले जाने से भाजपा-रालोद गठबंधन को राहत मिली है। कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल और रालोद जिलाध्यक्ष संदीप मलिक ने चुनाव आयोग को पत्र भेजा था। जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल ने कार्तिक स्नान से मतदान प्रतिशत कम होने का अंदेशा जताया था।
मीरापुर विधानसभा क्षेत्र के शुकतीर्थ और रामराज में 11 नवंबर से गंगा स्नान मेला शुरू हो जाएगा। जबकि पहले मतदान की तिथि 13 नवंबर घोषित की गई थी। मुख्य स्नान 15 नवंबर को होगा। भाजपा-रालोद गठबंधन के अलग-अलग नेताओं की ओर से चुनाव आयोग को भेजे गए पत्र में तर्क दिया गया था कि गंगा स्नान मेले में तीन दिन पहले ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाता है।
ऐसे में अगर 13 नवंबर को मतदान हुआ तो मीरापुर में मतदान प्रतिशत गिरेगा। हजारों लोग मतदान से वंचित रह जाएंगे। साथ ही कहा गया था कि कार्तिक स्नान मेले में दूसरे जिलों से भी लोग आते हैं। ऐसे में आचार संहिता का उल्लंघन भी होगा। चुनाव आयोग ने सोमवार को मीरापुर में मतदान की तिथि 13 के बजाए 20 नवंबर कर दी है। घोषणा के बाद से भाजपा और रालोद नेताओं ने खुशी जताई।
चुनाव आयोग ने किया सही फैसला : अग्रवाल
कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल का कहना है कि चुनाव आयोग का फैसला सही है। मीरापुर क्षेत्र के शुकतीर्थ और रामराज में मेला लगता है। साथ ही गाजियाबाद विधानसभा के गढ़ मुक्तेश्वर में मेला लगता है। ऐसे में दोनों सीटों पर मतदान प्रतिशत गिरने की आशंका थी। लोकतंत्र में जनता को मतदान का पूरा अधिकार देने के लिए तिथि का बदलना जरूरी था।
आयोग का फैसला सराहनीय : मलिक
रालोद जिलाध्यक्ष संदीप मलिक का कहना है कि चुनाव आयोग ने सुनवाई कर बड़ी राहत दी है। जनता को मतदान का पूरा अधिकार मिलना चाहिए। मेले की वजह से एक बड़ा वर्ग मतदान से वंचित रह सकता था। फैसला सराहनीय है।
यह थी भाजपा-रालोद गठबंधन की चिंता
शुकतीर्थ और रामराज मेले में 11 नवंबर से ही क्षेत्र के लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाता है। क्षेत्र के दुकानदारों के अलावा बड़ी संख्या में लोग परिवार के साथ गंगा स्नान करने जाते हैं। कई-कई दिन तक खादर क्षेत्र में ठहरते हैं। ऐसे में भाजपा-रालोद गठबंधन की चिंता बढ़ गई थी। रणनीतिकारों का मानना था कि अगर वोटर इस तरह मेले में गए तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है।