खतौली (मुजफ्फरनगर)। मिशन चंद्रयान-3 का हिस्सा रहे इसरो में वैज्ञानिक अरीब अहमद का कहना है कि चंद्रयान हमेशा मेरे दिल में बसा था। नौकरी शुरू की, तब से इस पर काम चल रहा था। किसी न किसी रूप में अभियान का हिस्सा बनकर खुशी मिली।
मोहल्ला मिट्ठूलाल निवासी अबीर अहमद श्रीहरिकोटा में इसरो के इंजीनियर सेक्शन में वैज्ञानिक हैं। करीब डेढ़ माह पहले उनके सेक्शन को जांच के लिए चंद्रयान-3 मिला था। जांच के बाद ही चंद्रयान-3 दूसरे सेक्शन को दिया गया और शुक्रवार को लांच हुआ।
अरीब कहते हैं कि वर्ष 2021 से वे इसरो में नौकरी कर रहे हैं। जब से वे पहुंचे, तभी से चंद्रयान-3 की तैयारी चल रही थी। टीम का हिस्सा बनकर उन्हें बेहद अच्छा लगा और कुछ कर गुजरने की चाह में अभियान में हमेशा अपना योगदान देते रहे। इसरो के वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत के बाद चंद्रयान-3 मिशन पर निकला है।
परिवार ने भी कामयाबी पर मनाई खुशी
टीम का हिस्सा रहे अरीब के परिवार ने भी खुशी मनाई। पिता काजी महताब जिया बेहद खुश है। मामा असद फारूखी कहते हैं कि यह गौरव की बात है। अरीब शुरू से ही होनहार था और अपनी कड़ी मेहनत के दम पर आगे बढ़ा। होल्डन हार्ट एकेडमी से पढ़ाई करने के बाद भारतीय खाद्य निगम में नौकरी की और यहीं रहते हुए दूसरी नौकरी की तैयारी की। यहीं से दो साल पहले इसरो में चयन हुआ।