मुज़फ्फरनगर: भोपा के सरकारी अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे डॉ. वीरपाल

मोरना। योगी सरकार में आम आदमी को बेहतर चिकित्सा सेवा देने के दावे खोखले साबित हो रहें हैं। भारी भरकम खर्च के बाद भी आम आदमी को सरकारी अस्पताल में चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। अव्यवस्थाओं की  शिकायत मिलने पर भोपा के सरकारी अस्पताल का  निरीक्षण करने पहुंचे जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल ने अस्पताल में भारी अव्यवस्था को देख कर कडा रोष प्रकट किया और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को लापरवाही पर आड़े हाथों लिया है।  

भोपा के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर निरीक्षण करने पहुंचे जिला पंचायत अध्यक्ष ने अस्पताल के प्रवेश द्वार के बराबर में लगे कूड़े के ढेरों को देखा, जहां सागौन के पेड़ के नीचे कूड़े को जलाया जा रहा था, जिससे सागौन का पेड़ भी जल गया। वृक्षारोपण के लिए आए सैंकड़ों पौधे कूड़े का ढेर बने पड़े हैं। मुख्य द्वार पर लगा बोर्ड जर्जर होने के कारण कभी भी टूटकर गिरने की हालत में पाया गया। अस्पताल में तैनात डॉक्टर व आधा दर्जन स्टाफ गैरहाजिर मिला।
अस्पताल में तैनात कर्मचारी ने बताया कि पैसे लेकर फर्जी  हस्ताक्षर किए जाते हैं, जो स्टाफ पैसे नहीं देता उससे डबल ड्यूटी कराई जाती है। अस्पताल में तैनात 11 स्टाफ में 6 अनुपस्थित पाए गए। अस्पताल में आए मरीज़ों ने बताया कि 100 रुपये लेकर ग्लूकोज दी जा रही है, वहीं पैथोलॉजी लैब में टीबी के अलावा किसी भी अन्य जाँच की सुविधा न होना भी पाया गया। उन्होंने अस्पताल की टूटी खिड़कियां व अन्य व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया। अस्पताल से नदारद स्टाफ, फर्जी  हस्ताक्षर व भारी भ्रष्टाचार व पैथोलॉजी लैब में होमोग्लोबिन, प्लेट् लेट्स व अन्य संचारी रोगों की जांच की व्यवस्था करने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी महावीर सिंह  फौजदार से वार्ता की ।

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